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[[चित्र:Robespierre crop.jpg|250px|अंगूठाकार|रोब्स्पियर]]
Isne kanooni Shiksha paayi thi chhatra jivan see hi ye ruso k prabhav me aa gayaa tha
'''मैक्समिलियन रॉब्सपियर''' ({{Lang-fr|Maximilien François Marie Isidore de Robespierre}}; 6 मई 1758 – 28 जुलाई 1794) एक फ़्रांसीसी वकील और राजनीतिज्ञ थे। इन्हें [[फ़्रान्सीसी क्रान्ति]] से जुड़े सर्वाधिक प्रसिद्ध और प्रभावशाली लोगों में गिना जाता है। रॉबस्पियर, स्टेट्स जेनरल, फ्रांस की राष्ट्रीय संविधान सभा, और जैकोबिन क्लब के सदस्य थे।
kranti ke douran estate general Ka sadasy chunaa gayaa yah ek matra vyakti thaa jisne France Ka war na karne ki salah Di.
 
आर्रा प्रांत के वकील, रॉब्सपियर स्वभाव से अंतर्मुखी और रूसो के अनन्य भक्त थे। उन्होंने ने फ्रांस में सार्वत्रिक पुरुष मताधिकार लागू करने और दास प्रथा को पूर्णतया समाप्त करने के लिए आन्दोलन का नेतृत्व किया। स्वयं हिंसक न होते हुए भी इन्होने हिंसा को प्रश्रय दिया, इनके विरोधियों को इनका विरोध करना काफी महँगा पड़ा। ये फ्रांस में सद्गुणों का गणतंत्र (रिपब्लिक ऑफ वर्च्यू)<ref>http://www.historyguide.org/intellect/virtue.html</ref> स्थापित करना चाहते थे और इनका यह कथन काफी प्रसिद्ध है कि "बिना आतंक के सद्गुण और बिना सद्गुण के आतंक निरर्थक होते हैं।"<ref>{{cite book
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|first=लाल बहादुर
|title=आधुनिक विश्व इतिहास की झलक
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|date= 2009
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इन्होने क्रान्ति के समय [[लुई सोलहवाँ|लुई सोलहवें]] के मृत्युदण्ड की व्यवस्था कराने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी।
 
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==सन्दर्भ==
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