"चोट": अवतरणों में अंतर
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जीवित शरीर को किसी भी तरीके का नुकसान '''चोट''' कहलाता है।
'''आई पी सी (IPC)''' के सेक्शन '''44''' में कहा गया है कि, "किसी भी व्यक्ति को शरीर, मन, प्रतिष्ठा या संपत्ति में किसी भी वजह से '''अवैध रूप से''' किया गया नुकसान '''चोट''' कहलाता है।"
प्रमुख आघात में लंबे समय तक विकलांगता या मौत का कारण बनने की क्षमता होती है।
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मुख्य रूप से चोट दो प्रकार कि होती हैं।
===कुंद बल चोट(blunt force injury)===
वह चोट जो कुंद बल लगाने से की जाए '''कुंद बल चोट''' कहलाती है।
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वह चोट जो किसी नुकीले पदार्थ जैसे कि चाक़ू के इस्तेमाल से लगे उसे '''नुकीली बल चोट''' कहा जाता है।
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*'''घर्षण(Abrasion)'''
रपट बल, संपीड़न या दबाव के कारण सतही त्वचा को चोट लगना घर्षण कहलाता है। उदहारण: '''खरोंच'''।
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जब हथियार शरीर के आर पार जाके शरीर कों छिद्रित कर देता है उस प्रकार का घाव छिद्रित घाव कहलाता है। इस प्रकार के घाव में शरीर में हमे दो घाव दिखाई देते हैं। एक घाव वह जहां से हथियार शरीर के अन्दर गया, तथा एक घाव वह जहां से हथियार शरीर से बहार निकला। प्रवेश घाव बहारी घाव कि तुलना में बड़ा दिखाई देता है।
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*'''उम्र'''
*'''सेक्स(sex)'''
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==सन्दर्भ==
Mathiharan, K. and Patnik, A.K., Modi’s medical jurisprudence and toxicology, 23rd edition (2006), Lexis Nexis, New Delhi
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