"गीताप्रेस": अवतरणों में अंतर

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तमाम प्रकाशनों के बावजूद गीता प्रेस की मासिक पत्रिका कल्याण की लोकप्रियता कुछ अलग ही है। माना जाता है कि रामायण के अखंड पाठ की शुरुआत कल्याण के विशेषांक में इसके बारे में छपने के बाद ही हुई थी। कल्याण की लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि शुरुआती अंक में इसकी 1,600 प्रतियां छापी गई थीं, जो आज बढ़कर 2.30 लाख पर पहुंच गई हैं। गरुड़, कूर्म, वामन और विष्णु आदि पुराणों का पहली बार हिंदी अनुवाद कल्याण में ही प्रकाशित हुआ था।
[[योगी आदित्यनाथ]] गीतापुर प्रेस के संरक्षक<ref>[http://abpnews.abplive.in/india-news/will-good-days-come-for-gita-press-in-yogi-govt-583626 गीता प्रेस गोरखपुर के दिन बदलेंगे?]</ref> हैं|
 
==गीता प्रेस की कुछ विशेषताएं==