"परिभाषा": अवतरणों में अंतर

दो अन्य लेखों से सामग्री ले आकर डाला जिन्हें यहाँ अनुप्रेषित करना है
No edit summary
पंक्ति 1:
'''परिभाषा''' ([[अंग्रेजी]] : Definition) किसी भी [[विषय]] का संक्षिप्त और तार्किक वर्णन है, जो वस्तुओं के मूलभूत विशिष्ट [[गुण]] या संकल्पनाओं के [[अर्थ,]] अंतर्वस्तु और सीमाएं बताता है।<ref>दर्शनकोश, प्रगति प्रकाशन, मास्को, १९८0, पृष्ठ-३५0 ISBN: ५-0१000९0७-२</ref> किसी शब्द या वाक्यांश या संकेत की व्याख्या करने वाले गद्यांश को भी [[परिभाषा]] कह सकते हैं। उदाहरण के लिए, [[भौतिकी]] में '[[शक्ति]]' की परिभाषा निम्नलिखित प्रकार से की जाती है-
: "कार्य करने की दर को शक्ति कहते हैं।"
 
==परिभाषा के दोष==
===व्याप्ति दोष===
* '''अव्याप्ति''' - यह किसी [[लक्षण]] या [[परिभाषा]] का दोष है जिसके रहने पर वह लक्षण या [[परिभाषा]] जितने पर लागु होनी चाहिए वह उनसे कम पर लागू होती है। अर्थात ऐसी परिभाषा जिसकी व्याप्ति में अल्पता हो। उदाहरण के लिए पुस्तक की यह परिभाषआ कि [[सजिल्द]] गुटके के आकार की पढ़ी जाने वाली वस्तु पुस्तक है। क्योंकि पुस्तकें जिल्द रहित भी हो सकती हैं।
* '''अतिव्याप्ति''' - यह किसी [[लक्षण]] या [[परिभाषा]] का दोष है जिसके रहने पर वह लक्षण या परिभाषा जितने पर लागु होनी चाहिए वह उनसे अधिक पर लागू होती है। अर्थात ऐसी परिभाषा जिसकी व्याप्ति में अति हो। उदाहरण के लिए पुस्तक की यह परिभाषआ कि जिसे [[पढ़ा]] जाय वह पुस्तक है।
 
{{आधार}}