"दुलादेव मन्दिर": अवतरणों में अंतर
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{{ज्ञानसन्दूक मन्दिर
|चित्र = Khajuraho Dulhadeo 2010.jpg
|वर्णन =खजुराहो स्थित दुलादेव मन्दिर
|निर्माता=
|जीर्णोद्धारक=
|नाम = दुल्हादेव मन्दिर
|निर्माण काल = १००० ई.
|देवता= [[शिव]]
|वास्तुकला = निरन्धार हिन्दू मन्दिर स्थापत्यकला
|स्थान= [[खजुराहो]], [[मध्य प्रदेश]], [[भारत]]
|coordinates=
|website=
}}
यह मूलतः शिव मंदिर है। इसको कुछ इतिहासकार कुंवरनाथ मंदिर भी कहते हैं। इसका निर्माणकाल लगभग सन् १००० ई. है। मंदिर का आकार ६९ न् ४०' है। यह मंदिर प्रतिमा वर्गीकरण की दृष्टि से महत्वपूर्ण मंदिर है। निरंधार प्रासाद प्रकृति का यह मंदिर अपनी नींव योजना में समन्वित प्रकृति का है। मंदिर सुंदर प्रतिमाओं से सुसज्जित है। इसमें गंगा की चतुर्भुज प्रतिमा अत्यंत ही सुंदर ढ़ंग से अंकित की गई है। यह प्रतिमा इतनी आकर्षक एवं प्रभावोत्पादक है कि लगता है कि यह अपने आधार से पृथक होकर आकाश में उड़ने का प्रयास कर रही है। मंदिर की भीतरी बाहरी भाग में अनेक प्रतिमाएँ अंकित की गई है, जिनकी भावभंगिमाएँ सौंदर्यमयी, दर्शनीय तथा उद्दीपक है। नारियों, अप्सराओं एवं मिथुन की प्रतिमाएँ, इस तरह अंकित की गई है कि सब अपने अस्तित्व के लिए सजग है। भ्रष्ट मिथुन मोह भंग भी करते हैं, फिर अपनी विशेषता से चौंका भी देते हैं।
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