"दमोह ज़िला": अवतरणों में अंतर

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'''दमोह ''' भारतीय राज्य [[मध्य प्रदेश]] का एक [[जिला]] है।जिले का मुख्यालय [[दमोह]] है।इसका क्षेत्रफल 2816 वर्ग कि.मी. एंव जनसंख्या (२००१ जनगणना के अनुसार१०,८१,९०९) है।दमोह ८०% साक्षर है।
 
जिले का मुख्यालय [[दमोह]] है।
 
'''क्षेत्रफल''' - 2816 वर्ग कि.मी.
 
'''जनसंख्या''' - (2001 जनगणना 10,81,909)
 
'''साक्षरता''' -80%
 
'''एस. टी. डी (STD) कोड''' - +917812
 
'''जिलाधिकारी '''- (सितम्बर 2006 में)
 
'''समुद्र तल से उचाई''' - ऒसत ऊचाई 595 मीटर
 
'''अक्षांश''' - 23.835489 उत्तर
 
'''देशांतर''' - 79.440418 पूर्व
 
'''औसत वर्षा''' - मि.मी.
 
== इतिहास ==
दमोह का महत्व 14वीं शताब्दी से रहा है जब खिलजी ने क्षेत्रीय प्रशासनिक केंद्र को चंदेरी के बटियागढ़ से दमोवा (दमोह) स्थानातंरित किया। दमोह मराठा गर्वनर की सीट थी। ब्रिटिश काल के बाद यह मध्य प्रांत का भाग हो गया। तथा 1867 में इसे म्यूसिपालिटी बना दिया गया था। यहां आयल मिल, हैण्डलूम तथा धातु के बर्तन, बीडी-सिगरेट, सीमेंट तथा सोने-चांदी के जेवर आदि बनाए जाते हैं। दमोह के आसपास बड़ी संख्या में पान के बाग भी है। यहां से इसका निर्यात भी होता है। यहां पर नागपंचमी पर वार्षिक मेला आयोजित होता है तथा जनवरी में जटाशंकर मेले का भी आयोजन होता है। यहां पर पशु बाजार लगता है तथा कई छोटे उद्योग भी है। साथ ही हथकरघा और मिट्टी के बर्तन भी बनाए जाते हैं। दमोह जिला 2816 वर्ग कि॰मी॰ क्षेत्र में उत्तर से दक्षिण तक फैला है। साथ ही चारों ओर पहाड़ियों (भाऩरेर ऋणी) तथा जंगल से घिरा हुआ है। जिले की अधिकांश भूमि उपजाऊ है। जिले में मु्ख्यतः दो नदियां सुनार और बैरमा बहती हैं। जिले में मुख्यतः नदियों से ही सिंचाई की जाती हैं।
 
==विकास==
* 1861: मध्य प्रांत का गठन हुआ।
* 1861: दमोह पूर्ण जिला बना।
1867:* 1867: lang="HI" दमोह जिले की जनसंख्या 2,62,600
* 1867: जबलपुर और इलाहाबाद के बीच रेलवे लाइन पूरी हुई।
* 1896-1897: दमोह जिले में सूखा और अकाल पड़ा।
* 1898: 1899 दमोह-कटनी को रेल मार्ग से जोड़ा गया।
* 1900: जिले में आंशिक अकाल पड़ा।
* 1923: सेठ गोविंद को चार हिन्दी नाटक लिखने पर जेल जाना पड़ा।
* 1933: महात्मा गांधी ने दमोह की यात्रा की।
* 1946: 18 जुलाई को सागर विश्वविद्यालय की स्थापना हुई।
* 1947: देश आजाद हुआ। मध्य प्रांत की जगह मध्य प्रदेश का गठन हुआ।
1960:* 1960-1991: दमोह जिले की जनसंख्या 8,98,125 हो गई।
* 2001: दमोह जिले की जनसंख्या 10,81,909 हो गई।
 
== जनसांख्यिकी ==
1861: दमोह पूर्ण जिला बना।
'''''===दर्शनीय स्थल'''''===
 
1867: 1867: lang="HI" दमोह जिले की जनसंख्या 2,62,600
 
1867: जबलपुर और इलाहाबाद के बीच रेलवे लाइन पूरी हुई।
 
1896-1897: दमोह जिले में सूखा और अकाल पड़ा।
 
1898: 1899 दमोह-कटनी को रेल मार्ग से जोड़ा गया।
 
1900: जिले में आंशिक अकाल पड़ा।
 
1923: सेठ गोविंद को चार हिन्दी नाटक लिखने पर जेल जाना पड़ा।
 
1933: महात्मा गांधी ने दमोह की यात्रा की।
 
1946: 18 जुलाई को सागर विश्वविद्यालय की स्थापना हुई।
 
1947: देश आजाद हुआ। मध्य प्रांत की जगह मध्य प्रदेश का गठन हुआ।
 
1960: 1991: दमोह जिले की जनसंख्या 8,98,125 हो गई।
 
2001: दमोह जिले की जनसंख्या 10,81,909 हो गई।
 
== जनसांख्यिकी ==
 
 
 
'''''दर्शनीय स्थल'''''
दमोह से ३० किलोमीटर दूर हटा नगर मै प्राचीन चंडी मंदिर है यहाँ पर अद्यासक्ति माँ दुर्गा चंडी रूप मै विराजमान है और यहाँ भक्तो की आस्था का केंद्र है
इसका इतिहास ज्ञात नहीं है की कब और किसके द्वारा निर्माण कराया गया पर इसकी स्थापना आर्यो द्वारा देवी उपासना की आगे बढ़ने क लिए की गयी थी
जवेरा के नोहटा मै पुरातन मंदिर खजराहो जिले मै मिलते है इनका निर्माण चंदेल राजाओ के द्वारा हुआ अभी कुछ समय से यहाँ पर भी नोहटा महोत्सव मनाया जाने लगा है जिससे पर्यटन को बढावा दिया जायेजाये।
 
दमोह मै बूंदा बहु मंदिर है जो काफी पुराना है
इसके अलावा बतियागढ़ का किला, हटा का किला, दमोह का किला, नोहटा का मंदिर तथा कुण्डलपुर का मंदिर भी सोभ्नायेय स्थान हैहै।
यहाँ पर कई सरेसारे मन्दिदरमन्दिर है, जो की पुराने और पूज्यनीय है
===तहसिले===
#* दमोह
#* हटा
#* पटेरा
#* जवेरा
 
== शिक्षा ==
इसके अलावा बतियागढ़ का किला हटा का किला दमोह का किला नोहटा क मंदिर कुण्डलपुर क मंदिर भी सोभ्नायेय स्थान है
== शिक्षा ==हमारा दमोह जिला शिक्षा के क्षेत्र मे पहले कम साक्षर रहा है। परंतु वर्तमान समय मे शिक्षा का प्रसार बढ़ रहा है ।
 
 
यहाँ पर कई सरे मन्दिदर है जो की पुराने और पूज्यनीय है
;दमोह जिले मै कुल तहसील
 
# दमोह
# हटा
# पटेरा
# जवेरा
# तेन्दुखेरा
# बटीयागढ़
# पथरिया
 
और कुछ उप तहसील::
 
बनवार, सतपर
 
== शिक्षा ==हमारा दमोह जिला शिक्षा के क्षेत्र मे पहले कम साक्षर रहा है। परंतु वर्तमान समय मे शिक्षा का प्रसार बढ़ रहा है ।
By surendra pathak
 
== सन्दर्भ ==