"मैसूर में पर्यटक आकर्षण": अवतरणों में अंतर

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}}</ref> <ref>{{cite web
|url=http://www.mysooru.com/mysorepalace.html
|title=Mysore Palace Mysore&nbsp;— The city of Palaces
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}}</ref> न्यूयॉर्क टाइम्स ने हाल ही में मैसूर को लगातार दुसरे साल के लिए पृथ्वी पर जरूर देखे जाने वाले 31 स्थानों में से एक के रूप में सूचीबद्ध किया है। 
 
==आकर्षण==
 
===महल===
मैसूर पैलेस शहर के केंद्र में स्थित एक महल है। यह मैसूर के पूर्व शाही परिवार का आधिकारिक निवास था और उनका दरबार (शाही कार्यालय) भी था।
 
ललिता महल मैसूर में दूसरा सबसे बड़ा महल है। यह शहर के पूर्व में चामुंडी हिल्स के पास स्थित है।<ref>{{cite web|url=https://www.cleartrip.com/india/mysore/ |title=About Mysore |publisher=cleartrip.com |accessdate=1 June 2017}}</ref> इस महल के वास्तुकार ई. डब्ल्यू फ़्रीली थे। १९२१ में भारत के वायसराय के यात्रा के दौरान उनके प्रवास के लिए कृष्णराज वोडेयर चतुर्थ द्वारा महल बनाया गया था। यह महल शुद्ध सफेद रंग में निर्मित है इतालवी पैलेज़ोस की शैली में बनाया गया है। इसमें एक विशाल छत और प्राकृतिक उद्यान भी हैं।
 
* '''जगनमोहन पैलेस''' 1861 में कृष्णराज वोडेयार तृतीय द्वारा मुख्यतः हिंदू शैली में बनाया गया था एवं इसका उपयोग शाही परिवार के लिए वैकल्पिक महल के रूप में कार्य किया जा सके ।सके। यह 1 915 के बाद से एक आर्ट गैलरी के रूपों में परिणत कर दिया गया हैं जिसका नाम श्री जयचमाराजेन्द्र आर्ट गैलरी है। इस संग्रहालय में कई प्रसिद्ध भारतीय चित्रकारों के पेंटिंग रखे हुए हैं जिनमे राजा रवि वर्मा, रूसी चित्रकार स्वेतोस्लाव रोरिच एवं मैसूर चित्रकला शैली के कई चित्रों के चित्र शामिल हैं।
 
जयलक्ष्मी विलास हवेली 1905 में चमारराज वोडेयार द्वारा अपनी सबसे बड़ी बेटी जयलक्ष्मी देवी के लिए बनाया गया था। यह हवेली मूल रूप से ७ लाख रु की लागत के साथ बनाया गया था बाद में इस हवेली का अधिग्रहण मैसूर विश्वविद्यालय द्वारा अपने स्नातकोत्तर परिसर के लिए किया गया था।
 
===गार्डन===
वृन्दावन गार्डन, श्रीरंगपट्टना, मंड्या जिला का एक प्रसिद्ध शो उद्यान हैं। यह एक खूबसूरत वनस्पति [[उद्यान]] है जो अपने संगीतमय फव्वारों के चलते काफी प्रसिद्ध हैं।
 
* '''हैप्पी मैन पार्क''' रेलवे स्टेशन से लगभग तीन किलोमीटर दूर एवं कामाक्षी अस्पताल के पास स्थित यह पार्क हैं बच्चों और माता-पिता के बीच बहुत लोकप्रिय है।
 
===संग्रहालय===
* '''मैसूर रेत मूर्तिकला संग्रहालय''' यहाँ 115 ट्रक की रेत (बालू) का इस्तेमाल कर 150 से अधिक विशाल मूर्तियों का निर्माण किया गया हैं। जिनमे मैसूर के विरासत के 16 से अधिक विषयों को दिखाया गया है।
 
* '''प्राकृतिक इतिहास का क्षेत्रीय संग्रहालय''' यह संग्रहालय मैसूर में करणजी झील के तट पर स्थित है और जैविक विविधता, पारिस्थितिकी और दक्षिणी भारत के भूविज्ञान से संबंधित है। <ref name="nathist">An overview of the Regional Museum of Natural History Mysore|Regional Museum of Natural History is provided by {{cite web | author=National Informatics Centre | url=http://nmnh.nic.in/mysore.htm | title=Regional Museum of Natural History, Mysore | work=Online Webpage of National Museum of Natural History | publisher=Ministry of Environment and Forests, Government of India | accessdate=2007-04-10}}</ref>
 
* '''लोक संग्रहालय''' यह संग्रहालय मैसूर परिसर विश्वविद्यालय में स्थित है और पूरे कर्नाटक राज्य के 6500 से अधिक लोक कला और शिल्प पेश करता है। <ref name="folk">An overview of the Folk Lore Museum Mysore|Folk Lore Museum is provided by {{cite web|url=http://www.karnatakatourism.org/sites/mysore.html|title=Mysore|work=Online Webpage of Karnataka Tourism Department|publisher=Tourism Department, Government of Karnataka|accessdate=2007-04-10 |archiveurl = http://web.archive.org/web/20070228104913/http://www.karnatakatourism.org/sites/mysore.html <!-- Bot retrieved archive --> |archivedate = 2007-02-28}}</ref>
 
* '''रेल संग्रहालय''' यह संग्रहालय मैसूर रेलवे स्टेशन के नजदीक स्थित है और [[दिल्ली]] के बाद भारत में इस तरह का दूसरा संग्रहालय है। यहाँ रेलवे से संबंधित फोटो और किताबें भी मौजूद हैं। <ref name="rail">An overview of the Railway Museum Mysore|Rail Museum is provided by {{cite news | author=Staff Correspondent | url=http://www.hindu.com/2004/06/03/stories/2004060309430300.htm | title=Mysore Rail Museum celebrates silver jubilee | work=Online Edition of The Hindu, dated 2004-06-03 | publisher=2004, The Hindu | accessdate=2007-04-10 | location=Chennai, India | date=2004-06-03}}</ref>