"चीनी लिपि": अवतरणों में अंतर
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चीनी एकाक्षरप्रधान भाषा मानी जाती है, यद्यपि ध्यान रखने की बात है कि उसके एक बार में बोले जानेवाले शब्द में एक या एक से अधिक वर्ण या अक्षर हो सकते हैं। हिंदी या अंग्रेजी आदि भाषाओं की भाँति चीनी ध्वन्यात्मक भाषा नहीं है, अतएव इसमें एक एक शब्द या भाव के लिये अलग अलग संकेतात्मक आकृतियाँ बनाई जाती हैं।
वर्णमाला के अभाव में इस भाषा में प्रत्येक शब्द या भाव के लिये लिखा जानेवाला वर्ण या अक्षर अपने आप में पूर्ण होता है और विभिन्न उपसर्ग या प्रत्यय न लगने से इन वर्णों के मूल में परिवर्तन नहीं होता। हिंदी, अंग्रेजी आदि भाषाओं की भाँति यहाँ विभिन्न प्रत्ययों या कारकचिह्नों की भरमार नहीं रहती जिससे संज्ञा सर्वनाम ओर विशेषणों
== लिखावट की कठिनाइयाँ ==
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== पारंपरिक और सरलीकृत अक्षर ==
[[चित्र:Hanzi.svg|right|thumb|200px|बांये तरफ के काले अक्षर पारम्परिक हैं। उनके दायें तरफ लाल रंग में सरलीकृत अक्षर है।]]
1956 में, [[चीन जनवादी गणराज्य]] की सरकार सरलीकृत चीनी अक्षरों के सार्वजनिक एक सेट करने के लिए सीखने, पढ़ने और चीनी भाषा आसान लेखन बनाने के लिए बनाया है। मुख्यभूमि चीन और सिंगापुर में, लोगों को इन सरल वर्णों का उपयोग
एक अच्छी शिक्षा के साथ एक चीनी व्यक्ति आज 6,000-7,000 अक्षर जानता है। एक मुख्यभूमि अखबार पढ़ने के लिए ३००० चीनी अक्षरों की जरूरत है। हालांकि, सीखने वाले लोग केवल 400 अक्षर इस्तेमाल कर एक अखबार पढ़ सकते हैं - लेकिन वे कुछ कम प्रयोग किया जाता शब्द लगता होगा।
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