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|internet = [[.eu]] ([[यूरोपियन यूनियन]])
|cities = [[जनसंख्या के आधार पर यूरोप के महानगर|शहरों की सूची]]
}}'''यूरोप''' पृथ्वी पर स्थित सात महाद्वीपों मेमें से एक [[महाद्वीप]] है। यूरोप, [[एशिया]] से पूरी तरह जुड़ा हुआ है। यूरोप और एशिया वस्तुतः '''यूरेशिया''' के खण्ड हैं और यूरोप यूरेशिया का सबसे पश्चिमी प्रायद्वीपीय खंड है। एशिया से यूरोप का विभाजन इसके पूर्व मेमें स्थित यूराल पर्वत के जल विभाजक जैसे [[यूराल नदी]], [[कैस्पियन सागर]], [[कॉकस पर्वत शृंखला]] और दक्षिण पश्चिम में स्थित [[काला सागर|काले सागर]] के द्वारा होता है। यूरोप के उत्तर में [[आर्कटिक महासागर]] और अन्य जल निकाय, पश्चिम में [[अटलांटिक महासागर]], दक्षिण में [[भूमध्य सागर]] और दक्षिण पश्चिम में काला सागर और इससे जुड़े जलमार्ग स्थित हैं। इस सबके बावजूद यूरोप की सीमायें बहुत हद तक काल्पनिक हैं और इसे एक महाद्वीप की संज्ञा देना भौगोलिक आधार पर कम, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक आधार पर अधिक है। [[ब्रिटेन]], [[आयरलैंड]] और [[आइसलैंड]] जैसे देश एक द्वीप होते हुए भी यूरोप का हिस्सा हैं, पर [[ग्रीनलैंड]] उत्तरी अमरीका का हिस्सा है। [[रूस]] सांस्कृतिक दृष्टिकोण से यूरोप में ही माना जाता है, हालाँकि इसका सारा [[साइबेरिया]]ई इलाका एशिया का हिस्सा है। आज ज़्यादातर यूरोपीय देशों के लोग दुनिया के सबसे ऊँचे जीवनस्तर का आनन्द लेते हैं।
 
यूरोप पृष्ठ क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का दूसरा सबसे छोटा महाद्वीप है, इसका क्षेत्रफल के १०,१८०,००० वर्ग किलोमीटर (३,९३०,००० वर्ग मील) है जो पृथ्वी की सतह का २% और इसके भूमि क्षेत्र का लगभग ६.८% है। यूरोप के ५० देशों में, रूस क्षेत्रफल और आबादी दोनों में ही सबसे बड़ा है, जबकि [[वैटिकन नगर]] सबसे छोटा देश है। जनसंख्या के हिसाब से यूरोप एशिया और [[अफ्रीका]] के बाद तीसरा सबसे अधिक आबादी वाला महाद्वीप है, ७३.१ करोड़ की जनसंख्या के साथ यह विश्व की जनसंख्या में लगभग ११% का योगदान करता है, तथापि, संयुक्त राष्ट्र के अनुसार (मध्यम अनुमान), २०५० तक विश्व जनसंख्या में यूरोप का योगदान घटकर ७% पर आ सकता है। १९०० में, विश्व की जनसंख्या में यूरोप का हिस्सा लगभग 25% था।
 
पुरातन काल में यूरोप, विशेष रूप से [[यूनान]] [[पश्चिमी संस्कृति]] का जन्मस्थान है। मध्य काल में इसी ने [[ईसाई]]यत का पोषण किया है। यूरोप ने १६ वीं सदी के बाद से वैश्विक मामलों में एक प्रमुख भूमिका अदा की है, विशेष रूप से [[उपनिवेश]]वाद की शुरुआत के बाद. १६ वीं और २० वीं सदी के बीच विभिन्न समयों पर, दोनो अमेरिका, अफ्रीका, [[ओशिआनिया]] और एशिया के बड़े भूभाग यूरोपीय देशों के नियंत्रित मेमें थे। दोनों विश्व युद्धों की शुरुआत मध्य यूरोप में हुई थी, जिनके कारण २० वीं शताब्दी में विश्व मामलों में यूरोपीय प्रभुत्व में गिरावट आई और [[संयुक्त राज्य अमेरिका]] और [[सोवियत संघ]] के रूप में दो नये शक्ति के केन्द्रों का उदय हुआ। [[शीत युद्ध]] के दौरान यूरोप पश्चिम में [[नाटो]] के और पूर्व में [[वारसा संधि]] के द्वारा विभाजित हो गया। यूरोपीय एकीकरण के प्रयासों से पश्चिमी यूरोप में [[यूरोपीय परिषद]] और [[यूरोपीय संघ]] का गठन हुआ और यह दोनों संगठन [[१९९१]] में सोवियत संघ के पतन के बाद से पूर्व की ओर अपने प्रभुत्व का विस्तार कर रहे हैं।
 
== यूरोप का इतिहास ==
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यूरोप में मानव ईसापूर्व ३५,००० के आसपास आया। ग्रीक (यूनानी) तथा लातिनी (रोम) राज्यों की स्थापना प्रथम सहस्त्राब्दी के पूर्वार्ध में हुई। इन दोनों संस्कृतियों ने आधुनिक य़ूरोप की संस्कृति को बहुत प्रभावित किया है। ईसापूर्व ४८० के आसपास य़ूनान पर फ़ारसियों का आक्रमण हुआ जिसमें यवनों को बहुधा पीछे हटना पड़ा। ३३० ईसापूर्व में [[सिकन्दर]] ने फारसी साम्राज्य को जीत लिया। १४६ ई.पू. में यूनानी प्रायद्वीप (द्वीपों को छोड़कर) रोमन प्रोटेक्टोरेट का भाग बन गया। यूनान का अन्तिम पतन ८८ ई.पू में हुआ जब पोन्टस के मिथ्रिडेट्स षष्ठ नामक राजा ने रोम के विरुद्ध विद्रोह कर दिया, जब वह रोमन जनरल लुसियस कॉर्नेलियस सुला द्वारा यूनान से बाहर खदेड़ा गया तब यूनान पर पुनः रोम का अधिकार हो गया और यूनानी नगर फिर कभी इससे उबर न सके। सन् २७ ईसापूर्व में [[रोमन गणतंत्र]] समाप्त हो गया और [[रोमन साम्राज्य]] की स्थापना हुई। सन् ३१३ में कांस्टेंटाइन ने [[ईसाई धर्म]] को स्वीकार कर लिया और यह धर्म रोमन साम्राज्य का राजधर्म बन गया। पाँचवीं सदी तक आते आते रोमन साम्राज्य कमजोर हो चला और पूर्वी रोमन साम्राज्य पंद्रहवीं सदी तक [[इस्तांबुल]] में बना रहा। इस दौरान पूर्वी रोमन साम्राज्यों को अरबों के आक्रमण का सामना करना पड़ा जिसमें उन्हें अपने प्रदेश अरबों को देने पड़े।
 
सन् १४५३ में इस्तांबुल के पतन के बाद यूरोप में नए जनमानस का विकास हुआ जो धार्मिक बंधनों से उपरऊपर उठना चाहता था। इस घटना को [[पुनर्जागरण]] (फ़्रेंच में रेनेसाँ) कहते हैं। पुनर्जागरण ने लोगों को पारम्परिक विचारों को त्याग व्यावहारिक तथा वैज्ञानिक तथ्यों पर विश्वास करने पर जोर दिया। इस काल में [[भारत]] तथा [[अमेरिका]] जैसे देशों के समुद्री मार्ग की खोज हुई। सोलहवीं सदी में [[पुर्तगाली]] तथा [[डच]] नाविक दुनिया के देशों के सामुद्रिक रास्तों पर वर्चस्व बनाए हुए थे। इसी समय पश्चिमी य़ूरोप में [[औद्योगिक क्रांति]] का सूत्रपात हो गया था। सांस्कृतिक रूप से भी य़ूरोप बहुत आगे बढ़ चुका था। साहित्य तथा कला के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति हुई थी। छपाई की खोज के बाद पुस्तकों से ज्ञानसंचार त्वरित गति से बढ़ गया था।
 
सन् १७८९ में [[फ्रांस की राज्यक्रांति]] हुई जिसने पूरे यूरोप को प्रभावित किया। इसमें व्यक्तिगत स्वतंत्रता, जनभागीदारी तथा उदारता को बल मिला था। रूसी साम्राज्य धीरे धीरे विस्तृत होने लगा था। पर इसका विस्तार मुख्यतः एशिया में अपने दक्षिण की तरफ़ हो रहा था। इस समय ब्रिटेन तथा फ्रांस अपने नौसेना की तकनीकी प्रगति के कारण डचो तथा पुर्तगालियों से आगे निकल गए। पुर्तगाल पर [[स्पेन]] का अधिकार हो गया और पुर्तगाली उपनिवेशों को अंग्रेजों तथा फ्रांसिसियों ने अधिकार कर लिया। रूसी सर्फराज्य का पतन १८६१ में हुआ। बाल्कन के प्रदेश [[उस्मानी साम्राज्य]] (ऑटोमन) से स्वतंत्र होते गए। १९१८ तथा १९४५ में दो [[विश्व युद्ध]] हुए। दोनों में [[जर्मनी]] की पराजय हुई। इसके बाद विश्व [[शीतयुद्ध]] के दौर से गुजरा। अमेरिका तथा रूस दो महाशक्ति बनकर उभरे। प्रायः पूर्वी य़ूरोप के देश रूस के साथ रहे जबकि पश्चिमी य़ूरोप के देश अमेरिका के। जर्मनी का विभाजन हो गया।
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[[श्रेणी:यूरोप| ]]
 
[[श्रेणी:महाद्वीप]]
"https://hi.wikipedia.org/wiki/यूरोप" से प्राप्त