"बागेश्री राग": अवतरणों में अंतर
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राग बागेश्री [[हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत]] का एक राग है। यह राग काफी थाट से उत्पन्न हुआ है। गाने या बजाने का समय रात का तीसरा प्रहर माना जाता है।
== स्वर ==
इस राग में गंधार (ग) और निषाद (नि) कोमल है। इस राग में पंचम (प) वर्जित है। कुछ लोग आरोह में थोडा पंचम लगाते
== आरोह ==
नि़़॒ सा ग॒ म, ध नि॒ सां।
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