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'''राफेल''' (Raffaello Sanzio da Urbino या Raphael , 1483 – 1520) [[परम पुनरुत्थान काल]] के [[इटली]] के महान चित्रकार एवं वास्तुशिल्पी थे। [[लियोनार्दो दा विन्ची|लियोनार्डो दा विन्ची]] , [[माइकल एंजेलो]] और राफेल अपने युग के महान कलाकार हैं।
 
राफेल को शताब्दियों तक समूह संयोजन का आचार्य माना जाता रहा है। व्यक्तियों के समूह, समूहों का सम्पूर्ण चित्र मेमें अनुपात, चित्र की उंचाई और गहराई का अनुपात, और व्यक्तियों की विभिन्न मुद्राएं - इन सब में उसने कमाल कर दिखाया है। रैफेल की सर्वाधिक ख्याति उसके मैडोन्ना चित्रों से है। रैफेल की कला से ही [[बरॉक|बरोक शैली]] का विकास हुआ।
 
माइकेल एंजेलो की अपेक्षा राफेल का काम शान्त, मधुर और नारीसुलभ मोहिनी से भरपूर है। राफेल की नारी और बाल चित्रण में विशेष अभिरुचि थी।
 
==परिचय==
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==लियोनार्डो तथा माइकेल एंजिलो का प्रभाव==
लियोनार्डो की वर्जिन (कुमारी), शिशु तथा सन्त के चित्रों से राफेल ने एक नवीन प्रकार के मैडोन्ना चित्रों का विकास किया तथा [[मोनालिसा]] के आधार पर व्यक्ति चित्रों की एक नयी पद्धति आरम्भ की। जिसका उदाहरण मेडालेन्ना डोनी का व्यक्ति चित्र है। विन्ची के छाया प्रकाश के सिद्धान्तों का प्रभाव राफेल की पृष्ठभूमियों में इसी समय से मिलना आरम्भ हुआ। माइकेल एंजिलो के प्रभाव से उसकी आकृतियों की रेखाएँ शक्तिशाली और संयमपूर्ण हो गयी।
 
==चित्रांकन कार्य==
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[[चित्र:Raffaello - Spozalizio - Web Gallery of Art.jpg|right|thumb|200px|'वर्जिन का विवाह' नामक चित्र]]
[[चित्र:Fornarina.jpg|right|thumb|200px|'फोर्नारिना' : राफेल की प्रेमिका]]
1508 में वह [[रोम]] गया तथा [[पोप]] जूलियस द्वितीय के द्वारा [[वैटिकन]] मेमें चित्रांकन के लिये नियुक्त किया गया। शीघ्र ही यह वहाँ का प्रधान चित्रकार हो गया। यहाँ राफेल ने 'स्कूल आॅफ ऐथेन्स' नामक प्रसिद्ध कृति बनायी। यह चरम पुनरुत्थान काल की उत्तम कृति मानी जाती है। इसमें [[प्लेटो]] तथा [[अरस्तू]] को बात करते हुए बाहर आते दिखाया है। प्लेटो की हस्तमुद्रा उपरऊपर की ओर संकेत कर रही है। इसके वस्त्रों का रंग लाल और उसकी सलवटें उर्ध्वलय में हैं। अरस्तु की हस्त मुद्राएं एवं नीले वस्त्र सभी क्षैतिज कर्णवत हैं जो इसी संसार को महत्वपूर्ण मानने का संकेत कर रहे है। हैं।
 
1514 में रैफेल [[सेंट पीटर गिरिजाघर|सेण्ट पीटर के गिरजाघर]] का प्रमुख शिल्पी बन गया। [[रोम]] के फर्नेसिया नामक स्थान पर उसने जो भित्तिचित्र अंकित किये वह उत्कृष्त श्रेणी के हैं। वह टेपेस्ट्री डिजाइन का भी आविष्कार कर रहा था जिससे अंकित पर्दे [[सिस्टीन चैपल]] मेमें टांगने की योजना थी। इसी समय वह [[ओल्ड टेस्टामेण्ट]] के आधार पर भी चित्र बना रहे थे। 1515 में निर्मित उनका एक चित्र 'सिस्टाइन मैडोन्ना' है जो उन्होने अकेले ही चित्रित की है। इस चित्र में मैडोन्ना पृथ्वी की मानुषी न रह कर स्वर्ग की देवी हो गयी है और उसे बादलों में तैरते हुए चित्रित किया गया है।
 
राफेल की अन्तिम श्रेष्ठ कृति 'ईसा का दिव्य स्वरुप धारण करना' है जो उसने 1517 मेमें आरम्भ की तथा 1520 में अपनी मृत्यु तक पूर्ण नहीं कर सके। इसे रैफेल के प्रिय शिष्य [[ज्यूलियो रोमानो]] ने पूर्ण किया। 37 वर्ष की आयु में ही रैफेल की मृत्यु हो गयी। किसी भी चित्रकार ने इससे पूर्व इतनी सामाजिक पृतिष्ठा प्राप्त नहीं की थी।
 
===कुछ प्रमुख चित्र===
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*[http://www.jagranjosh.com/general-knowledge/%E0%A4%AA%E0%A4%B6%E0%A5%8D%E0%A4%9A%E0%A4%BF%E0%A4%AE%E0%A5%80-%E0%A4%9A%E0%A4%BF%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%95%E0%A4%B2%E0%A4%BE-1311321511-2 पश्चिमी चित्रकला] (जागरण)
 
{{साँचा:विश्व के महान चित्रकार}}
 
[[श्रेणी:इटली के महान चित्रकार]]
"https://hi.wikipedia.org/wiki/राफेल" से प्राप्त