"बौद्धिक अशक्‍तता": अवतरणों में अंतर

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* बच्चे के जन्म होते ही तुरन्त '''न रोना''',
 
* बच्चे का विकास अन्य बच्चों की तुलना में धीमी गति से हो रहा हो। अर्थात देर से चलना, बैठना, बोलना शुरू करना, आदि,
 
* किसी भी कार्य व कुशलता को धीमी गति से सीख पाना, या बहुत अधिक समझाने पर ही समझ पाना,
 
* अपनी उम्र के अनुसार सामान्य कार्यो को (जैसे भोजन करना, बटन लगाना, कपड़े पहनना, समय देखना आदि) कुशलता से न कर पाना,
 
* भाषा का सही प्रयोग न कर पाना,
 
* पढ़ाई में पीछे रहना,
 
* अपनी उम्र के अन्य बच्चों के साथ घुल-मिल नहीं पाना,
 
* अपनी उम्र से कम उम्र के बच्चे की तरह व्यवहार करना,
 
* दैनिक कार्यो के लिए दूसरो पर निर्भर रहना।
 
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* गर्भ में बच्चे का विकास सही से न हो पाना,
 
* गर्भावस्था के दौरान माँ की अच्छी देखभाल न हो पाना, या माँ को काई तकलीफ़ होना,
 
* जन्म के समय बच्चे को सिर पर भारी चोट लगना,
 
* छोटी उम्र में सिर पर कोई गहरी चोट लगना,
 
* बच्चे को संतुलित पोषक आहार तथा सही वातावरण न मिलना,
 
* अनुवांशिक कारण,
 
* [[मिर्गी]], दौरे या तेज बुखार का होना, आदि।
 
==चिकित्सा तथा उपचार==
मानसिक मंदता एक आजीवन रहने वाली अवस्था है जिसके पूर्ण उपचार के लिए कोई दवा नहीनहीं खोजी जा सकी है, अतः इसके इलाज के लिए,
 
* यहाँ-वहाँ न भटकें व बिना समय गवांए इसके बारे मे जानकारी प्राप्त करें,
 
* यहाँ-वहाँ न भटकें व बिना समय गवांए इसके बारे मेमें जानकारी प्राप्त करें,
* मनोवैज्ञानिक तथा मनोचिकित्सक का परामर्श जरूर लें,
 
* बच्चे का बुद्वि (IQ) परीक्षण जरूर करा लें,
 
* बच्चे को उसकी जरूरत के अनुसार विशेष विद्यालय में प्रशिक्षण के लिए भेंजें,
 
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* बच्चे की कमजोरियों तथा खूबियों को पहचानें, तथा उसके अच्छे व्यवहारों को जरूर प्रोत्साहित करें,
 
* बच्चे को क्या अच्छा लगता है तथा किस चीज़ के लिए वह आपकी बात मान सकता है यह पहचानें तथा इसका प्रयोग बच्चे को नई कुशलातायें सिखाने में करें,
 
* बच्चे के कौन से ऐसे व्यवहार हैं जिनसे उसे या औंरों को परेशानी होती है। ऐसे व्यवहारों को रोकने के लिए बच्चे को विपरीत व्यवहार के लिए प्रोत्साहित करें तथा गलत व्यवहार करने पर उससे सही व्यवहार को कई बार करायें,
* किसी भी नई क्रिया को सिखाने के लिए उसे छोटे-छोटे भागों मेमें बाँट कर धीरे-धीरे सिखायें,
 
* बच्चे को मारें या पीटें नहीनहीं क्योंकि बच्चे की असफलता का कारण लापरवाही नहीनहीं उसकी असमर्थता है,
* किसी भी नई क्रिया को सिखाने के लिए उसे छोटे-छोटे भागों मे बाँट कर धीरे-धीरे सिखायें,
 
* बच्चे को मारें या पीटें नही क्योंकि बच्चे की असफलता का कारण लापरवाही नही उसकी असमर्थता है,
 
* बच्चे को एक साथ बहुत से निर्देश न दें, बल्कि भाषा को सरल करते हुए, छोटे-छोटे निर्देश ही दें,
 
* ध्यान दें, बच्चे की सीखने की क्षमता सीमित है इसलिए उसे वही कार्य सिखायें जो उसे भविष्य में आत्मनिर्भर होने में मदद करें,
 
* जितना हो सके खेल-खेल में सीखाने की कोशिश करें,
 
* बच्चे को समाज में मिलने-जुलने का मौका दें,
* याद रखें बच्चे को जितना अधिक माता-पिता तथा घर के अन्य करीबी लोग सिखा सकते है उतना अधिक कोई भी और विशेषज्ञ नहीनहीं कर सकता।
 
* याद रखें बच्चे को जितना अधिक माता-पिता तथा घर के अन्य करीबी लोग सिखा सकते है उतना अधिक कोई भी और विशेषज्ञ नही कर सकता।
 
===अन्य===