"जेन गुडाल": अवतरणों में अंतर
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[[चित्र:Jane Goodall HK.jpg|thumbnail|डेम जेन मॉरिस गुडाल]]
'''डेम जेन मॉरिस गुडाल''', एक [[अंग्रेजी]] प्राइमेटोलोजिस्ट, चरित्रशास्त्री, मनुष्य-शरीर-रचन-शास्त्री, और यू.एन. से भेजी गयी शान्ति दूत हैं<ref>होलोवे, एम (1997) प्रोफाइल: जेन गुडाल - गोम्बे के प्रसिद्ध प्राइमेट, अमेरिकी वैज्ञानिक 277 (4), 42-44।</ref>। [[चिम्पांजी]] के लिये दुनिया की सबसे चर्चित विशेषज्ञ माने जानेवाली गुडाल, गोम्बे स्ट्रीम राष्ट्रीय उद्यान , [[तंजानिया]] में पाए जानेवाले [[जंगली]] चिम्पांजियों के [[समाज|सामाजिक]] और पारिवारिक बातचीत पर अपने 55 साल के [[विद्या|अध्ययन]] के लिए प्रसिद्ध हैं। वे जेन गुडाल संस्थान <ref>
=अफ्रीका=
गुडाल को बचपन से ही अफ्रीका एवं जानवरों में बडी रुची थी। वे अपनी इसी रुची के कारण १९५७ में केन्या गयी<ref>
=काम=
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चिम्पांजियों के [[समाज|सामाजिक]] और पारिवारिक जीवन के अध्ययन के लिए जेन गुडाल प्रसिद्ध हैं। उन्होंने तंजानिया के गोम्बे स्ट्रीम राष्ट्रीय उद्यान में कसाकेला चिम्पांजी समुदाय पर १९६० में अपना अध्ययन शुरु किया<ref>"अध्ययन कॉर्नर - गोम्बे समय"। जेन गुडाल संस्थान। 2010।</ref>। उन्होंने कॉलेजिएट परिक्षण के बिना उन चीजों पर [[अनुसंधान]] किया जो सख्त [[वैज्ञानिक]] सिद्धान्तो ने अनदेखा कर दिया था। गोम्बे स्ट्रीम में गुडाल का अनुसंधान, दो लंबे समय से चली आ रही मान्यताओं को चुनौती देने के लिए वैज्ञानिक समुदाय में प्रसिद्ध था - एक की सिर्फ मानव ही उपकरणों का निर्माण और उपयोग करना जानते हैं और दूसरा की चिम्पांजी साकाहारी होते हैं।
गोम्बे स्ट्रीम में गुडाल ने चिम्पांजी के शांतिपूर्ण और स्नेही व्यवहार के विपरीत उनका आक्रमक पक्ष भी पाया।
गुडाल दुनिया के सबसे
२०११ में गुडाल ऑस्ट्रेलियाई पशु संरक्षण समूह - बेजबान, पशु संरक्षण संस्थान की संरक्षक बनी।
=पुरस्कार और मान्यता=
गुडाल को पर्यावरण और मानवीय कार्य एवं कई दूसरे कार्यों के लिये सम्मान मिला है। २००४ में बिंकिघम पैलेस मेम आयोजित एक समारोह में गुडाल को ब्रिटिश साम्राज्य की डेम कमांडर बनाया गया।<ref>
==पुरस्कार==
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