"घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम, 2005": अवतरणों में अंतर

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==घरेलू हिंसा क्या है? ==
शारीरिक दुर्व्यवहार अर्थात शारीरिक पीड़ा, अपहानि या जीवन या अंग या स्वास्थ्य को खतरा या लैगिंग दुर्व्यवहार अर्थात महिला की गरिमा का उल्लंघन, अपमान या तिरस्कार करना या अतिक्रमण करना या मौखिक और भावनात्मक दुर्व्यवहार अर्थात अपमान, उपहास, गाली देना या आर्थिक दुर्व्यवहार अर्थात आर्थिक या वित्तीय संसाधनों, जिसकी वह हकदार है, से वंचित करना,मानसिक रूप से परेशान करना ये सभी '''घरेलू हिंसा''' कहलाते हैं।
 
इस क़ानून के तहत घरेलू हिंसा के दायरे में अनेक प्रकार की हिंसा और दुर्व्यवहार आते हैं। किसी भी घरेलू सम्बंध या नातेदारी में किसी प्रकार का व्यवहार, आचरण या बर्ताव जिससे (१) आपके स्वास्थ्य, सुरक्षा, जीवन, या किसी अंग को कोई क्षति पहुँचती है, या (२) मानसिक या शारीरिक हानि होती है, घरेलू हिंसा है।
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== घरेलु हिंसा के मामले में कौन शिकायत दर्ज करा सकता है? ==
पीड़ित खुद शिकायत कर सकती हैl अगर आप पीड़ित नहीं हैं तो भी आप संरक्षण अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं। कोई भी ऐसा व्यक्ति जिसे किसी कारण से लगता है कि घरेलू हिंसा की कोई घटना घटित हुई है या हो रही है या जिसे ऐसा अंदेशा भी है कीकि ऐसी घटना घटित हो सकती है, वह संरक्षण अधिकारी को सूचित कर सकता है l यदि आपने सद्भावना में यह काम किया है तो जानकारी की पुष्टि न होने पर भी आपके खिलाफ कार्यवाही नहीं की जाएगीl
 
सुरक्षा अधिकारी के अलावा पीड़ित ‘सेवा प्रदाता’ से भी संपर्क कर सकती है, सेवा प्रदाता फिर शिकायत दर्ज कर, ‘घरेलू हिंसा घटना रिपोर्ट’ बना कर मजिस्ट्रेट और संरक्षण अधिकारी को सूचित करता हैl
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इस अधिनियम के तहत शिकायत के अलावा पीड़ित अदालत में सिविल केस भी दाखिल कर सकती है। यदि पीड़ित सिविल केस भी दाखिल करती है और उसे घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत कोई राशि दी गयी है तो मजिस्ट्रेट यह राशि सिविल केस में तय राशि से घटा देगा।
 
मजिस्ट्रेट के ऊपर आवेदन मिलने के तीन दिन के अन्दर केस पर कार्यवाही शुरू करने की ज़िम्मेदारी हैl केस शुरू होने के पश्चात, मजिस्ट्रेट को अधिकतम ६० दिन के भीतर केस का निवारण करने की कोशिश करनी है[http://nyaaya.in/hi/law-explainers/domestic-violence/ l]
 
==धारा 4==
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==धारा 16==
पक्षकार ऐसी इच्छा करें तो कार्यवाही बंद कमरे मेमें हो सकेगी।
 
==धारा 17 तथा 18==
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{{भारतीय विधि}}
 
[[श्रेणी:भारतीय विधि]]
 
[[श्रेणी:न्याय-व्यवस्था]]
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