"खेजड़ी": अवतरणों में अंतर
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| binomial = ''Prosopis cineraria'' (प्रोसोपीस कीनेरार्या)
| binomial_authority = ([[कार्ल लिनयस|L]].) [[ड्रूस]]
}}'''खेजड़ी''' या '''शमी''' एक वृक्ष है जो [[थार मरुस्थल|थार के मरुस्थल]] एवं अन्य स्थानों में पाया जाता है। यह वहां के लोगों के लिए बहुत उपयोगी है। इसके अन्य नामों में '''घफ़''' ([[संयुक्त अरब अमीरात]]), '''खेजड़ी''', '''जांट/जांटी''', '''सांगरी''' ([[राजस्थान]]), '''जंड''' ([[पंजाबी भाषा|पंजाबी]]), '''कांडी''' ([[सिंध]]), '''वण्णि''' ([[तमिल]]), '''शमी''', '''सुमरी''' ([[गुजराती]]) आते हैं। इसका व्यापारिक नाम '''कांडी''' है। यह वृक्ष विभिन्न देशों में पाया जाता है जहाँ इसके अलग अलग नाम हैं। [[अंग्रेजी]] में यह प्रोसोपिस सिनेरेरिया नाम से जाना जाता है। खेजड़ी का वृक्ष जेठ के महीने में भी हरा रहता है। ऐसी गर्मी में जब रेगिस्तान में जानवरों के लिए धूप से बचने का कोई सहारा नहीं होता तब यह पेड़ छाया देता है। जब खाने को कुछ नहीं होता है तब यह चारा देता है, जो लूंग कहलाता है। इसका फूल मींझर कहलाता है। इसका फल सांगरी कहलाता है, जिसकी सब्जी बनाई जाती है। यह फल सूखने पर खोखा कहलाता है जो सूखा मेवा है। इसकी
== साहित्यिक एवं सांस्कृतिक महत्त्व ==
[[चित्र:Jhand (Prosopis cineraria) at Hodal W IMG 1191.jpg|thumb|200px|left|खेजड़ी का वृक्ष]]
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