"भारतीय मानक समय": अवतरणों में अंतर
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देश की पूर्व-पश्चिम दूरी लगभग २९३३ किलोमीटर है जिसके कारण पूर्व में सूर्योदय और सूर्यास्त पश्चिम से २ घंटे जल्दी होता है और इसीलिए उत्तर-पूर्व राज्यों के लोगों को उनकी घड़ियाँ आगे बढ़ने की आवश्यकता होती हैं जिससे सूर्योदय के उपरांत ऊर्जा का क्षय न हो। इसके कारण औपचारिक व्यवहारों में अनेक कष्ट होते हैं।
१९८० में संशोधकों की एक मंडली ने भारत को दो अथवा तीन समय मंडलों में विभाजित करने का सुझाव दिया, परन्तु ये सुझाव हमें ब्रिटिश सरकार द्वारा स्थापित समय मंडलों को अपनाने के बराबर था, इसलिए इस सुझाव को नकारा दिया
२००१ में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने ४ सदस्य की समिति स्थापित की जिसका उद्देश्य समय मंडल तथा डेलाइट सेविंग के विषयों को जाँचना था। समिति के निष्कर्ष २००४ में संसद में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री, श्री कपिल सिब्बल, द्वारा प्रस्तुत किये गए जिसमे कपिल सिब्बल ने कहा कि "भारत के समय मंडलों को विभाजित करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
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== समय सन्केत==
औपचारिक समय संकेत नई दिल्ली
== प्रचलित संस्कृति में ==
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