"लॉस एंजिल्स टाइम्स": अवतरणों में अंतर

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पईसा के बिना जिनगी, जिअल अभिशाप बा
सच कही, त पईसे बा धरम, पईसे माई-बाप बा.
पईसा ना होखे त, अपनो पराया बा.
पईसे से प्रेम, पईसे से मोह-माया बा.
पईसे से चलत बा, सगरी रिश्तन के गाडी.
लोग पईसे से होशियार बा, पईसे बिन अनाडी.
बिक जाला पईसा पे अनमोल ईमान.
पईसे खातीर आदमी बन जाला शैतान.
अगर पाकेट में बा पईसा त सात खून माफ बा.
सच कही, त पईसे बा धरम, पईसे माई-बाप बा.
अवगुण भी पईसा वाला के गुण लागेला.
पईसा खातीर पाप कईल भी पुन लागेला.
हर समय पईसा के महिमा अपरंपार बा.
अमीर गरीब सबके पईसे से प्यार बा.
आदमी के पईसे बनावेला दरिद्र अउर दानी.
मिटी ना कबो दुनिया से पईसा के कहानी.
"नुरैन" जिनगी के हर मोड पर पईसे के छाप बा.
सच कही, त पईसे बा धरम, पईसे माई-बाप बा.