"बहाई धर्म": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Abdulbaha.jpg|right|thumb|300px|अब्दुल बहा, युगावतार बहाउल्लाह के ज्येष्ठ पुत्र]]
 
'''बहाई पंथ''' उन्नीसवीं सदी के [[ईरान]] में सन १८४४ मेमें स्थापित एक नया [[धर्म]] है जो [[एकेश्वरवाद]] और विश्वभर के विभिन्न धर्मों और पंथों की एकमात्र आधारशिला पर ज़ोर देता है।
 
इसकी स्थापना [[बहाउल्लाह]] ने की थी और इसके मतों के मुताबिक दुनिया के सभी मानव धर्मों का एक ही मूल है। इसके अनुसार कई लोगों ने ईश्वर का संदेश इंसानों तक पहुँचाने के लिए नए धर्मों का प्रतिपादन किया जो उस समय और परिवेश के लिए उपयुक्त था। इस धर्म के अनुयायी बहाउल्लाह को पूर्व के अवतारों[[कृष्ण]], [[ईसा मसीह]], [[मुहम्मद]], [[बुद्ध]], [[जरथुस्त्र]], [[मूसा]] आदि की वापसी मानते हैं।
बहाउल्लाह को कल्कि अवतार के रूप में माना जाता है जो सम्पूर्ण विश्व को एक करने हेतु आएं है और जिनका उद्देश्य और सन्देश है " समस्त पृथ्वी एक देश है और मानवजाति इसकी नागरिक"।
 
ईश्वर एक है और समय- समय पर मानवजाति को शिक्षित करने हेतु वह पृथ्वी पर अपने अवतारों को भेजते हैं।
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== सिद्धांत ==
बहाई धर्म एक नया स्वतंत्र धर्म है। '''“बहाउल्लाह”''' को इस युग का ईश्वरीय अवतार मानने वाले अनुयायी बहाई कहलाते हैं। बहाउल्लाह द्वारा लिखी गई पुस्तक "किताब-ए-अकदस" में इसके सिद्धांतों का विवरण मिलता है जो १८७३ के आसपास लिखी गई थी। इस क़िताब को इसके [[फ़ारसी]] नाम ''किताब-ए-अकदस'' के नाम से अधिक जाना जाता है।
 
बहाई धर्म के अनुयायी सम्पूर्ण विश्व के लगभग १८० देशों में समाज-नवनिर्माण के कार्यों में जुटे हुए हैं। बहाई धर्म में धर्म गुरु, पुजारी, मौलवी या पादरी वर्ग नहीं होता है।
 
बहाई अनुयायी जाति, धर्म, भाषा, रंग, वर्ग आदि किसी भी पूर्वाग्रहों को नहीनहीं मानते हैं।
 
इसके सिद्धांतों में प्रमुख हैं -
 
ईश्वर एक है
 
सभी धर्मों का स्रोत एक है
 
विश्व शान्ति एवं विश्व एकता
 
सभी के लिए न्याय
 
स्त्री–पुरुष की समानता
 
सभी के लिये अनिवार्य शिक्षा
 
विज्ञान और धर्म का सामंजस्य
 
गरीबी और धन की अति का समाधान
 
भौतिक समस्याओं का आध्यात्मिक समाधान
 
सम्पूर्ण विश्व के बहाई अपना योगदान इस नई विश्व व्यवस्था में निम्नलिखित प्रयासों से कर रहे हैं।
इस विश्वव्यापी कार्यक्रम को मनुष्य और समाज की ऐसी अवधारणा पर केंद्रित किया गया है जो अपनी प्रकृति में आध्यात्मिक है और मनुष्य को ऐसी क्षमता प्रदान करता है जो आध्यात्मिक और भौतिक विकास की प्रक्रिया में प्रखरता प्रदान करता है।
 
बहाई अनुयायी निम्न्लिखित गतिविधियो के माध्यम से मानव जाति के कल्याण मेमें जुटे हुये है:-
*(१) प्रार्थना सभाएँ
*(२) बच्चों की नैतिक कक्षाएँ
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== प्रार्थना सभाएँ==
इन सभाओं में ईश्वरीय पवित्र वाणी का पाठ, प्रार्थनाएँ और भजन सस्वर लिए जाते हैं। ये प्रार्थना सभाएँ किसी के भी घर या स्थान पर आयोजित की जा सकती है, ये उस स्थान, घर, व्यक्तियों को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर देती है तथा ईश कृपा को आकर्षित करती है। प्रत्येक महाद्वीप में बहाई समुदाय के अनुयायी विभिन्न धर्म एवं जाति के लोगो के साथ प्रार्थना में जुड़ रहे हैं और अपने हृदयों को अपने सृजनकर्ता की ओर उन्मुख कर रहे हैं तथा आध्यात्मिक शक्तियों का आह्वान कर रहे हैं |हैं।
 
=== बच्चों की नैतिक शिक्षा कार्यक्रम (१० वर्षों तक के बच्चों के लिए)===
वर्तमान युग में विभिन्न माध्यमों से आक्रामक विचारधारा, संस्कृति हमारे बच्चों के कोमल ह्रदयों एवं मस्तिष्क को प्रदूषित कर रही हैं और मापा-पिता के लिए एक गंभीर चुनौती बनाती जा रही है, ऐसे में अगर बचपन के प्रारंभ में ही आध्यात्मिक गुणों और नैतिक मूल्यों को आचरण में लाने की आदत डाल दी जाए तो इन्ही बच्चों की एक नई पीढ़ी स्वयं के तथा बेहतर विश्व के निर्माण में सक्षम हो सकती है।
 
=== किशोर युवा सशक्तिकरण कार्यक्रम (११ से १५ वर्षों तक के किशोरों के लिए)===
समाज में रहने वाले नव-युवा वे किशोर युवा हैं जो ११-१५ वर्ष के होते हैं। वे एक विशेष समूह का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिनकी अपनी खास ज़रूरतें हैं क्योंकि वे अमूमन बचपन और यौवन के बीच की दहलीज़ पर होते हैं |हैं। इनके भीतर इस अवस्था में कई मानसिक एवं शारीरिक परिवर्तन होने लगते हैं। ऐसे में यह किशोर युवा सशक्तिकरण कार्यक्रम उनके प्रश्नों के उत्तर तलाशने में एवं बौद्धिक एवं नैतिक सशक्तिकरण लाने में सहायता करता है और उनके जीवन की राह को स्थिरता प्रदान करता है |है।
 
=== अधययन वृत्त कक्षाएँ (१५ वर्ष से अधिक आयुवर्ग के लिए)===
ये अध्ययन वृत्त कक्षाएँ व्यक्तियों ज्ञान वर्धन करने, आध्यात्मिक समझ बढाने, अपने देश, समुदाय और मानवता की सेवा करने की चाह रखने वाले प्रत्येक व्यक्ति की क्षमताओं का विकास करती है के लिए आधार तैयार करती है | है।
 
== बहाई उपासना मन्दिर ==
"बहाई उपासना मन्दिर (लोटस टेम्पल के नाम से विख्यात)" कालका जी, नेहरू प्लेस, नई दिल्ली मेमें स्थित है|है। बहाई धर्म जगत मेमें कुल सात जगहो पर बहाई उपासना मन्दिर बनाये गये हैं जो हैं वेस्टर्न समोआ, सिडनी - औस्ट्रेलिया, कम्पाला- युगान्डा, पनामा सिटी - पनामा, फ्रेन्क्फर्ट्- जर्मनी और विलमेट, अमेरिका और नई दिल्ली, भारत।
 
== इन्हें भी देखें==
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== बाहरी कड़ियाँ==
[http://www.bahai.in/other-languages/hindi/ '''भारत में बहाई धर्म''']
 
[[श्रेणी:बहाई धर्म]]