"संयुक्त निकाय": अवतरणों में अंतर
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'''संयुत्त निकाय''' ([[संस्कृत]]:''संयुक्त निकाय'') बुद्ध ग्रन्थ है। यह [[सुत्तपिटक]] के पाँच निकायों में से तीसरा निकाय (ग्रंथ) है। इसके अंतर्गत 2889 सुत्त हैं।
{{त्रिपिटक}}
== संरचना ==
यह पाँच वर्ग्गो (वर्गो) और 56 संयुत्तों में विभक्त हैं। पाँच वग्गों में क्रमश: 11, 10, 13, 10 और 12 '''संयुत्त''' (अध्याय) संगृहीत है। इस निकाय में छोटे और बड़े सुत्तों का समावेश है। तदनुसार नामकरण की बात बताई गई है। लेकिन विषयवार सुत्तों के वर्गीकरण के अनुसार ग्रंथ के नामकरण की सार्थकता को समझना अधिक समीचीन है। अलग अलग संयुत्तों में सुत्तों के वर्गीकरण को मोटे रूप से चार सिद्धांतों के अनुसार समझ सकते हैं :
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