"गोमती नदी (उत्तर प्रदेश)": अवतरणों में अंतर

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'''गोमती''' उत्तर [[भारत]] में बहने वाली एक प्रमुख [[नदी]] है। इसका उदगम [[पीलीभीत]] जिले में माधोटान्डा के पास होता है। इस नदी का बहाव [[उत्तर प्रदेश]] में ९०० कि.मी. तक है। यह [[वाराणसी]] के निकट सैदपुर के पास कैथी नामक स्थान पर [[गंगा]] में मिल जाती हैI पुराणों के अनुसार गोमती ब्रह्मर्षि [[वशिष्ठ]] की पुत्री हैं तथा एकादशी को इस नदी में स्नान करने से संपूर्ण पाप धुल जाते हैं। हिन्दू ग्रन्थ श्रीमद्भागवत गीता के अनुसार गोमती भारत की उन पवित्र नदियों में से है जो मोक्ष प्राप्ति का मार्ग हैं। पौराणिक मान्यता ये भी है कि [[रावण]] वध के पश्चात "ब्रह्महत्या" के पाप से मुक्ति पाने के लिये भगवान श्री [[राम]] ने भी अपने गुरु महर्षि [[वशिष्ठ]] के आदेशानुसार इसी पवित्र पावन आदि-गंगा '''गोमती नदी''' में स्नान किया था एवं अपने धनुष को भी यहीं पर धोया था और स्वयं को ब्राह्मण की हत्या के पाप से मुक्त किया था, आज यह स्थान [[सुल्तानपुर जिला|सुल्तानपुर]] जिले की [[लंभुआ (तहसील), सुल्तानपुर|लम्भुआ]] तहसील में स्थित है एवं [[धोपाप]] नाम से सुविख्यात है। लोगों का मानना है कि जो भी व्यक्ति [[गंगा दशहरा]] के अवसर पर यहां स्नान करता है, उसके सभी पाप आदिगंगा '''गोमती नदी''' में धुल जाते हैं।<ref>{{cite web | url = http://srimadbhagavatam.com/sb/5/19/17-18/en1 | title = Bhaktivedanta VedaBase: Srimad Bhagavatam 5.19.17-18 | date = 2010-01-04| accessdate= 2010-01-04}}</ref>
 
== उदगमउद्गम ==
इसका उद्गम [[पीलीभीत]] जनपद के माधोटान्डा कसबे में होता है I माधोटान्डा [[पीलीभीत]] से लगभग ३० कि.मी. पूर्व में स्थित है। कसबे के मध्यलसे करीब १ कि.मी. दक्षिण-पश्चिम में एक ताल है जिसे "पन्गैली फुल्हर ताल" या "गोमत ताल" कहते हैं, वही इस नदी का स्रोत्र हैI इस ताल से यह नदी मात्र एक पतली धारा की तरह बहती है। इसके उपरान्त लगभग २० कि.मी. के सफ़र के बाद इससे एक सहायक नदी "गैहाई" मिलती है। लगभग १०० कि. मी. के सफ़र के पश्चात यह [[लखीमपुर खीरी]] जनपद की मोहम्मदी खीरी तहसील पहुँचती है जहां इसमें सहायक नदियाँ जैसे सुखेता, छोहा तथा आंध्र छोहा मिलती हैं और इसके बाद यह एक पूर्ण नदी का रूप ले लेती है। गोमती और गंगा के संगम में प्रसिद्ध मार्कण्डेय महादेव मंदिर स्थित है। लखनऊ, लखीमपुर खीरी, '''[[सुल्तानपुर]]''' और जौनपुर गोमती के किनारे पर स्थित हैं और इसके जलग्रहण क्षेत्र में स्थित 15 शहर में से सबसे प्रमुख हैं। नदी जौनपुर शहर को एवं सुल्तानपुर जिले को लगभग दो बराबर भागों में विभाजित करती है और जौनपुर में व्यापक हो जाती है।