"लोहित जिला": अवतरणों में अंतर

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'''लोहित ''' भारतीय [[राज्य]] [[अरुणाचल प्रदेश]] का एक [[जिला]] है। जिले का मुख्यालय [[तेज़ू]] है। अरूणाचल प्रदेश में स्थित लोहित बहुत ही खूबसूरत स्‍थान है। यहां की सबसे बडी नदी लोहित के नाम पर इसका नाम रखा गया है। पुराणों में इसका नाम लोहित्य बताया गया है। इस जगह से अनेक पौराणिक और ऐतिहासिक कथाएं जुड़ी हुई हैं। इसकी खूबसूरती से अभिभूत होकर अनेक पर्यटक यहां आते हैं। यहां पर पर्यटक बर्फ से ढ़की चोटियों, जगलों और नदियों के अनेक खूबसूरत दृश्य देख सकते हैं। इनके अलावा यहां के गांव भी बहुत खूबसूरत हैं। इन गांवों में घूमना पर्यटकों को बहुत पसंद आता है। यहां के अधिकतर गांवों में आदिवासी रहते हैं। पूरे वर्ष यहां पर अनेक उत्सव और त्योहार मनाए जाते हैं। इन उत्सवों और त्योहारों में पर्यटक आदिवासियों की संस्कृतियों के खूबसूरत दृश्य देख सकते हैं। गांवों में घूमने के बाद पर्यटक जंगलों की सैर पर जा सकते हैं। यहां के जंगलों में घूमना पर्यटकों को बहुत पसंद आता है। जंगलों की सैर के बाद पर्यटक हाथी की सवारी, राफ्टिंग और पर्वतारोहण का आनंद भी ले सकते हैं। यहां पर अनेक दर्शनीय स्थल भी हैं। इनमें परशुराम कुण्ड, तामरेश्वरी मन्दिर और शिवलिंग प्रमुख हैं।
'''लोहित ''' भारतीय [[राज्य]] [[अरुणाचल प्रदेश]] का एक [[जिला]] है.
 
==प्रमुख आकर्षण==
जिले का मुख्यालय [[ ]] है ।
===परशुराम कुण्ड===
परशुराम कुण्ड को प्रभु कुठार के नाम से भी जाना जाता है। यह लोहित की उत्तर-पूर्वी दिशा में 24 किमी. की दूरी पर स्थित है। इस कुण्ड से भगवान परशुराम की कथा जुड़ी हुई है। एक बार ऋषि जमादग्नि की पत्‍नी रेणुका ऋषिराज के नहाने के लिए पानी लेने गई। किसी कारणवश उसे पानी लाने में देर हो गई तब ऋषिराज ने परशुराम को अपनी माता का वध करने के लिए कहा। पिता की आज्ञानुसार परशुराम ने अपनी माता का वध कर दिया। तब परशुराम ने मातृ वध के पाप से मुक्त होने के लिए इस कुण्ड में स्नान किया था। तभी से यह कुण्ड स्थानीय निवासियों में लोकप्रिय हो गया। समय के साथ यह स्थानीय लोगों के साथ पर्यटकों में भी लोकप्रिय हो गया। अब यह कुण्ड लोहित की पहचान बन चुका है। हजारों तीर्थयात्री प्रतिवर्ष 14 जनवरी को मकर संक्रान्ति के दिन इस कुण्ड में स्नान करने आते हैं। अरूणाचल प्रदेश सरकार ने पर्यटकों की सुविधा के लिए अनेक सुविधाओं को उपलब्ध कराया है।
 
===बुद्ध विहार===
'''क्षेत्रफल''' - वर्ग कि.मी.
लोहित में अनेक बुद्ध विहार हैं। स्थानीय लोग इनको चोंग के नाम से पुकारते हैं। यह बहुत खूबसूरत हैं और पर्यटकों को बहुत पसंद आते हैं। यहां एक नदी बहती है। इस नदी पर एक द्वीप बना हुआ है। इसका नाम चोंगखाम है। द्वीप पर एक विश्व शांति बौद्ध मन्दिर बना हुआ है। इसमें भगवान बुद्ध की प्रतिमा की स्थापना की गई है। यहां पर स्थानीय निवासी और पर्यटक योगाभ्यास करते हैं। इन सब में गुणा नगर का चोंग सबसे खूबसूरत है। इसका निर्माण खामती राजा ने कराया था। अपनी बौद्ध परम्पराओं के लिए यह चोंग बहुत प्रसिद्ध है। यह सभी चोंग और भगवान बुद्ध की सभी प्रतिमाएं थाई शैली में बनाई गई हैं। इन चोंगों में पर्यटक बिना किसी परेशानी के भ्रमण कर सकते हैं।
 
===डोंग===
'''जनसंख्या''' - (2001 जनगणना)
भारत की पूर्व दिशा में स्थित डोंग बहुत खूबसूरत है। भारत में सूरज की सबसे पहली किरण इसी गांव पर पड़ती है। यह तेजू से 200 किमी. की दूरी पर वेलोंग सर्किल में स्थित है। यहां के सड़क मार्ग काफी अच्छे हैं और यह पूरे अरूणाचल प्रदेश से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। यहां से पर्यटक बर्फ से ढ़की चोटियों और ब्लू पाइन के जंगलों के खूबसूरत दृश्य भी देख सकते हैं।
 
===ग्लो झील===
'''अक्षांश''' - उत्तर
यह झील बहुत खूबसूरत है और समुद्रतल से 5000 मी. की ऊंचाई पर स्थित है। इसका क्षेत्रफल लगभग 8 वर्ग किमी. है। झील के आसपास के दृश्य भी बहुत आकर्षक हैं। इस झील से पर्यटक बर्फ से ढ़की चोटियों को देख सकते हैं। इन चोटियों के अलावा यहां पर खूबसूरत जंगल देखे जा सकते हैं और इनकी सैर भी की जा सकती है। यहां तक आने के लिए पर्यटकों को पहले त्वाम गांव पहुंचना पडता है क्योंकि अभी तक यहां पर सड़क मार्ग का निर्माण नहीं हुआ है। सड़क मार्ग न होने से यह यात्रा पर्वतारोहण में बदल जाती है।
 
===गर्म पानी का झरना===
'''देशांतर''' - पूर्व
किबीथू सर्किल और वेलोंग सर्किल में गर्म पानी के कई झरने हैं। इन झरनों में स्नान करना पर्यटकों को बहुत पसंद आता है क्योंकि गर्म पानी में स्नान के बाद उनकी सारी थकान उतर जाती है। यह झरना वेलोंग से 5 किमी. की दूरी पर स्थित है।
 
===भीष्मक नगर===
'''समुद्र तल से उचाई''' - मी.
महाभारत के अनुसार यह माना जाता है कि इसकी स्थापना राजा भीष्मक ने की थी। यह तेजू से 40 किमी. की दूरी पर स्थित है। यह भी कहा जाता है कि श्रीकृष्ण ने राजा भीष्मक की पुत्री रूक्मणी से उसके पिता की इच्छा के विरूद्ध विवाह किया था।
 
===हवा शिविर===
'''सालाना वर्षा''' - मि.मी.
यह तेजू से 33 किमी. की दूरी पर स्थित है। यहां से लोहित घाटी के खूबसूरत दृश्य देखे जा सकते हैं। इसके अलावा यहां से सूर्योदय और सूर्यास्त के खूबसूरत दृश्य देखना भी पर्यटकों को बहुत अच्छा लगता है। अब यहां पर अनेक पर्यटक पिकनिक मनाने भी आते हैं।
 
जिलाधिकारी -
 
 
==बाहरी कड़ियां==
 
*[http://lohit.nic.in/ आधिकारिक जालस्थल]
 
[[en: Lohit district]]
 
[[en: ]]
[[श्रेणी:अरुणाचल प्रदेश के जिले]]