"अज़ान": अवतरणों में अंतर
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अज़ान सूना कर लोगों को [[मस्जिद]] की तरफ़ बुलाने वाले को [[मुअज्ज़िन]] कहते हैं।
== शुरूआत ==
मदीना तैयबा में जब नमाज़ बाजमात देने के लिए मस्जिद बनाई गई तो जरूरत महसूस हुई कि लोगों को जमात (इकटठे नमाज पढने) का समय करीब होने की सूचना देने का कोई तरीका तय किया जाए। रसूलुल्लाह ने जब इस बारे में [[सहाबा]] इकराम (
# प्रार्थना के समय कोई झंडा बुलंद किया।
# किसी उच्च स्थान पर आग जला दी जाए।
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