"हाइड्रोजन": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:2006-01-28 Drop-impact modified.jpg|thumb|250px|हाइड्रोजन पानी का एक महत्वपूर्ण अंग है]]
[[चित्र:Hydrogen_discharge_tube.jpg|thumb|250px|शुद्ध हाइड्रोजन से भरी गैस डिस्चार्ज ट्यूब]]
'''हाइड्रोजन''' ('''उदजन''' ''Udajana'') (Hydrogen) एक [[रासायनिक तत्व]] है। यह [[आवर्त सारणी]] का सबसे पहला तत्व है जो सबसे हल्का भी है। ब्रह्मांड में (पृथ्वी पर नहीं) यह सबसे प्रचुर मात्रा में पाया जातजाता है। तारों तथा [[सूर्य]] का अधिकांश द्रव्यमान हाइड्रोजन से बना है। इसके एक परमाणु में एक [[प्रोट्रॉन]], एक [[इलेक्ट्रॉन]] होता है। इस प्रकार यह सबसे सरल [[परमाणु]] भी है।
 
प्रकृति में यह द्विआण्विक गैस के रूप में पाया जाता है जो [[वायुमण्डल]] के बाह्य परत का मुख्य संघटक है। हाल में इसको वाहनों के ईंधन के रूप में इस्तेमान कर सकने के लिए शोध कार्य हो रहे हैं।
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प्रयोगशाला में जस्ते पर तनु [[गंधक अम्ल]] की क्रिया से यह प्राप्त होता है। युद्ध के कामों के लिए कई सरल विधियों से यह प्राप्त हो सकता है। 'सिलिकोल' विधि में सिलिकन या फेरो सिलिकन पर [[सोडियम हाइड्राक्साइड]] की क्रिया से ; 'हाइड्रोलिथ' (जलीय अश्म) विधि में कैलसियम हाइड्राइड पर जल की क्रिया से ; 'हाइड्रिक' विधि में एलुमिनियम पर सोडियम हाइड्राक्साइड की क्रिया से प्राप्त होता है। गर्म स्पंजी लोहे पर भाप की क्रिया से एक समय बड़ी मात्रा में हाइड्रोजन तैयार होता था।
 
आज हाइड्रोजन प्राप्त करने की सबसे सस्ती विधि '[[जल गैस]]' है। जल गैस में हाइड्रोजन और कार्बन मोनोक्साइड विशेष रूप से रहते हैं। जल गैस को ठंडाकर द्रव में परिणत करते हैं। द्रव का फिर प्रभाजक आसवन करते हैं। इससे [[कार्बन मनॉक्साइड]] (क्वथनांक 191° सें.) और [[नाइट्रोजन]] (क्वथनांक 195 सें.) पहले निकल जाते हैं और हाइड्रोजन (क्वथनांक 250° से.) शेष रह जाता है।
 
[[जल का विद्युत अपघटन|जल के वैद्युत अघटन]] से भी पर्याप्त शुद्ध हाइड्रोजन प्राप्त हो सकता है। एक [[किलोवाट घंटा]] सेघंटासे लगभग 7 घन फुट हाइड्रोजन प्राप्त हो सकता है। कुछ विद्युत्‌ अपघटनी निर्माण में जैसे [[नमक]] से [[दाहक सोडा]] के निर्माण में, उपोत्पाद के रूप में बड़ी मात्रा में हाइड्रोजन प्राप्त होता है।
 
== गुण ==
हाइड्रोजन [[वायु]] या [[ऑक्सीजन]] में जलता है। जलने का ताप ऊँचा होता है। ज्वाला रंगहीन होती है। जलकर यह जल (H<sub>2</sub>O) और अत्यल्प मात्रा में [[हाइड्रोजन पेरॉक्साइड]] (H<sub>2</sub>O<sub>2</sub>) बनाता है। हाइड्रोजनऔरहाइड्रोजन और [[ऑक्सीजन]] के मिश्रण में आग लगाने या विद्युत्‌ स्फुलिंग से बड़े कड़ाके के साथ विस्फोट होता है और जल की बूँदें बनती हैं।
 
हाइड्रोजन अच्छा [[अपचयन|अपचायक]] है। लोहे के मोर्चों को लोहे में और ताँबे के आक्साइड को ताँबे में परिणत कर देता है। यह अन्य तत्वों के साथ संयुक्त हो योगिकयौगिक बनताबनाता है। [[क्लोरीन]] के साथ क्लोराइड, (HCl), नाइट्रोजन के साथ [[अमोनिया]] (NH<sub>3</sub>) [[गंधक]] के साथ हाइड्रोजन सल्फाइड (H<sub>2</sub>S), फास्फ़रस[[फास्फोरस]] के साथ फास्फोन (PH<sub>3</sub>) ये सभी द्विअंगी यौगिक हैं। इन्हें हाइड्राइड या उदजारेय कहते है।
 
हाइड्रोजन एक विचित्र गुणवाला तत्व है। यह है तो अधातु पर अनेक यौगिकों मेंसे धातुओं सा व्यवहार करता है। इसके परमाणु में केवल एक प्रोटॉन और एक [[इलेक्ट्रॉन]] होते हैं। सामान्य हाइड्रोजन में 0.002 प्रतिशत एक दूसरा हाइड्रोजन होता है जिसको [[भारी हाइड्रोजन]] की संज्ञा दी गई है। यह सामान्य परमाणु हाइड्रोजन से दुगुना भारी होता है। इसे '[[ड्यूटीरियम]]' (D) कहते हैं और इसका उत्पत्ति होता है जब हाइड्रोजन (उदजन) को एक अधिक [[न्यूट्रॉन]] मिलते है और ऐसे ड्यूटेरियम को उदजनहाइड्रोजन का एक [[समस्थानिक]] कहते है। ऑक्सीजन के साथ मिलकर यह [[भारी जल]] (D<sub>2</sub>O) बनाता है। हाइड्रोजन के एक अन्य समस्थानिक का भी पत लगा है। इसे [[ट्रिशियम]] (Tritium) कहते हैं और इसका उत्पत्ति होता है जब ड्यूटीरियम को एक अधिक न्यूट्रॉन मिलते है। सामान्य हाइड्रोजन से यह तिगुना भारी होता है।
 
== परमाणुवीय हाइड्रोजन ==
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== उपयोग ==
हाइड्रोजन के अनेक उपयोग हैं। [[हेबर विधि]] में [[नाइट्रोजन ]]के साथ संयुक्त हो यह अमोनिया बनता है जो [[उर्वरक]] के रूप में व्यवहार में आता है। तेल के साथ संयुक्त होकर हाइड्रोजन [[वनस्पति तेल]] (ठोस या अर्धठोस वसा) बनाता है। खाद्य के रूप में प्रयुक्त होने के लिए वनस्पति तेल बहुत बड़ी मात्रा (mass scale) में बनती है। अपचायक के रूप में यह अनेक धातुओं के निर्माण में काम आता है। इसकी सहायता से कोयले से [[संश्लिष्ट पेट्रोलियम]] भी बनाया जाता है। अनेक ईधंनों में हाइड्रोजन जलकर ऊष्मा उत्पन्न करता है। [[ऑक्सीहाइड्रोजन ज्वाला]] का ताप बहुत ऊँचा होता है। वह ज्वाला धातुओं के काटने, जोड़ने और पिघलाने में काम आती है। विद्युत्‌ चाप (electric arc) में हाइड्रोजन के अणु के तोड़ने से परमाण्वीय हाइड्रोजन ज्वाला प्राप्त होती है जिसका ताप 3370° सें. तक हो सकता है।
 
हल्का होने के कारण गुब्बारा और वायुपोतों में हाइड्रोजन प्रयुक्त होता है तथा इसका स्थान अब [[हीलियम]] ले रहा है।