"हाइड्रोजन": अवतरणों में अंतर
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== निर्माण ==
प्रयोगशाला में जस्ते पर तनु
आज हाइड्रोजन प्राप्त करने की सबसे सस्ती विधि 'जल गैस' है। जल गैस में हाइड्रोजन और कार्बन मोनोक्साइड विशेष रूप से रहते हैं। जल गैस को ठंडाकर द्रव में परिणत करते हैं। द्रव का फिर प्रभाजक आसवन करते हैं। इससे [[कार्बन
[[जल का विद्युत अपघटन|जल के वैद्युत अघटन]] से भी पर्याप्त शुद्ध हाइड्रोजन प्राप्त हो सकता है। एक किलोवाट घंटासे लगभग 7 घन फुट हाइड्रोजन प्राप्त हो सकता है। कुछ विद्युत् अपघटनी निर्माण में जैसे [[नमक]] से [[दाहक सोडा]] के निर्माण में, उपोत्पाद के रूप में बड़ी मात्रा में हाइड्रोजन प्राप्त होता है।
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== उपयोग ==
हाइड्रोजन के अनेक उपयोग हैं। हेबर विधि में [[नाइट्रोजन ]]के साथ संयुक्त हो यह अमोनिया बनता है जो [[उर्वरक]] के रूप में व्यवहार में आता है। तेल के साथ संयुक्त होकर हाइड्रोजन [[वनस्पति तेल]] (ठोस या अर्धठोस वसा) बनाता है। खाद्य के रूप में प्रयुक्त होने के लिए वनस्पति तेल बहुत बड़ी मात्रा (mass scale) में बनती है। अपचायक के रूप में यह अनेक धातुओं के निर्माण में काम आता है। इसकी सहायता से कोयले से
हल्का होने के कारण गुब्बारा और वायुपोतों में हाइड्रोजन प्रयुक्त होता है तथा इसका स्थान अब [[हीलियम]] ले रहा है।
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