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[[चित्र:काराकोरम राजमार्ग.png|thumb|250px|काराकोरम राजमार्ग]]
'''काराकोरम राजमार्ग''' ([[अंग्रेजी]]: <small>Karakoram Highway</small> या <small>KKH</small>; [[उर्दू]]: <small>{{Nastaliq|شاہراہ قراقرم}}</small>, शाहराह-ए-काराकोरम'; [[चीनी भाषा|चीनी]]: <small>喀喇昆仑 公路</small>, के ला कून लुन गोन्ग लु) दुनिया की सबसे अधिक ऊँचाई पर स्थित एक पक्की अंतरराष्ट्रीय सड़क है। यह [[काराकोरम]] पर्वत श्रृंखला से होकर गुज़रता है तथा [[चीन]] और [[पाकिस्तान]] को [[ख़ुंजराब दर्रे]] के माध्यम से आपस में जोड़ता है। यहाँ इसकी ऊँचाई समुद्र तल से 4693 मी (15397 फुट) है और इसकी पुष्टि एसआरटीएम और जीपीएस के एकाधिक पाठ्यांकों द्वारा होती है। यह [[पाक-अधिकृत कश्मीर|आज़ाद कश्मीर]] के [[गिलगित-बाल्तिस्तान]] के साथ चीन के [[शिंजियांग]] क्षेत्र को जोड़ता है। इसके साथ ही यह एक लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण भी है। काराकोरम राजमार्ग को आधिकारिक तौर पर पाकिस्तान में N-35 और चीन में '''चीन का राष्ट्रीय राजमार्ग 314''' (G314) के नाम से जाना जाता है।
 
== निर्माण व मार्ग ==
यह बीस साल के अरसे में 1986 में मुकम्मल हुई। इसे [[पाकिस्तान]] और चीन ने मिल कर बनाया है। इसको तामीर करते हुऐ 810 पाकिस्तानीयों और 82 चीनीयों ने अपनी जान दे दी। इसकी लंबाई 1300 [[किलोमीटर]] है। ये चीनी शहर [[काश्गर]] से शुरू होती है। वहाँ से यह [[चीन]]-[[पाकिस्तान]] सरहद पर स्थित [[ताशक़ुरग़ान​]] नामक बस्ती पहुँचती है और फिर सीमा पार करके [[पाक-अधिकृत कश्मीर|आज़ाद कश्मीर]] में [[सोस्त]] नामक चौकी जाती है।<ref name="ref77qecal">[http://books.google.com/books?id=-X7ORxkVvDwC China], Andrew Burke, pp. 838, Lonely Planet, 2007, ISBN 9781740599153, ''... However, the border can open late or close early depending on conditions at Khunjerab Pass. Travel formalities are performed at Sost, on the Pakistan border; the Chinese border post is located at Tashkurgan ...''</ref> फिर [[हुन्ज़ा]], [[नगर]], [[गिलगित]], [[चिलास]], [[दासू]], [[बेशाम]], [[मानसेहरा ज़िला|मानसेहरा]], [[ऐबटाबाद]], [[हरिपुर ज़िला|हरिपुर]] ([[हज़ारा]]) से होती हुई [[हसन अबदाल]] के मुक़ाम पर जी टी रोड से मिलती है। [[सिन्धु नदी]], [[गिलगित नदी]], [[हुन्ज़ा नदी]], [[नंगा परबत]] और [[राकापोशी]] इस के साथ-साथ आती हैं। इतने कठिन और दुर्गम पहाड़ी इलाक़े में बनाई जाने के कारण कुछ समीक्षक इसे दुनिया का आठवाँ अजूबा भी कहते हैं।
 
== तस्वीरें ==