"हकीकत राय": अवतरणों में अंतर
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Anuragrana18 (वार्ता | योगदान) |
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== परिचय ==
वीर हकीकत राय का जन्म 1720
उस समय देश में मुसलमानो का राज था। जिन्होंने देश के सभी राजनितिक और प्रशासिनक कार्यो के लिये फ़ारसी भाषा लागू कर रखी थे। देश में सभी काम फ़ारसी में होते थे। इसी से यह कहावत भी बन गई कि , ” हाथ कंगन को आरसी क्या,और पढ़े लिखे को फ़ारसी क्या”। इसी कारण से बागमल पुरी ने अपने पुत्र को फ़ारसी सिखने के लिये मौलवी के पास उसके मदरसे में पढ़ने के लिये भेजा। कहते है और जो बाद में सिद्ध भी हो गया कि वो पढ़ाई में अपने अन्य सहपाठियों से अधिक तेज था, जिससे मुसलमान बालक हकीकत राय से घृणा करने लगे।
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