"हकीकत राय": अवतरणों में अंतर

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== परिचय ==
वीर हकीकत राय का जन्म 1720 मेंपंजाब के सियालकोट मेंमे सन् 1719 मे लाला बागमल पुरी के यहाँ हुआ था । इनकी माता का नाम कोरा ( गौरा ) था। लाला बागमल सियालकोट के तब के प्रसिद्ध सम्पन्न​ हिन्दू व्यापारी थे। वीर हकीकत राय उनकी एकलौती सन्तान थी। उस समय देश में बाल विवाह प्रथा प्रचलित थी,क्योकि हिन्दुओ को भय रहता था कि कहीं मुसलमान उनकी बेटियो को उठा कर न ले जाये। जैसे आज भी पाकिस्तान और बांग्लादेश से समाचार आते रहते है। इसी कारण से वीर हकीकत राय का विवाह बटाला के निवासी किशन सिंह की बेटी लक्ष्मी देवी से बारह वर्ष की आयु में कर दिया गया था।*
 
उस समय देश में मुसलमानो का राज था। जिन्होंने देश के सभी राजनितिक और प्रशासिनक कार्यो के लिये फ़ारसी भाषा लागू कर रखी थे। देश में सभी काम फ़ारसी में होते थे। इसी से यह कहावत भी बन गई कि , ” हाथ कंगन को आरसी क्या,और पढ़े लिखे को फ़ारसी क्या”। इसी कारण से बागमल पुरी ने अपने पुत्र को फ़ारसी सिखने के लिये मौलवी के पास उसके मदरसे में पढ़ने के लिये भेजा। कहते है और जो बाद में सिद्ध भी हो गया कि वो पढ़ाई में अपने अन्य सहपाठियों से अधिक तेज था, जिससे मुसलमान बालक हकीकत राय से घृणा करने लगे।