"नमाज़": अवतरणों में अंतर
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इस्लाम धर्म में नमाज़ जिनाज़ा का भी बहुत महत्व है। इसकी हैसिअत प्रार्थना सी है। जब किसी मुसलमान की मृत्यु हो जाती है तब उसे नहला धुलाकर श्वेत वस्त्र से ढक देते हैं, जिसे कफन कहते हैं और फिर जिनाज़ा को मस्जिद में ले जाते हैं। वहाँ इमाम जिनाज़ा के पीछे खड़ा होता है और दूसरे लोग उसके पीछे पंक्ति बाँधकर खड़े हो जाते हैं। नमाज़ में न कोई झुकता है और न सिजदा करता है, केवल हाथ बाँधकर खड़ा रह जाता है तथा दुआ पढ़ता है।
== इन्हें भी देखें==
* [[अज़ान]]
* [[ईद की नमाज़]]
* [[तरावीह|तरावीह की नमाज़]]
* [[नमाज़ ए-जनाज़ा|जनाज़े की नमाज़]]
== सन्दर्भ ==
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