"पीपाजी": अवतरणों में अंतर

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'''पीपाजी (Pipa ji) (पीपानन्दाचार्य जी)''' (१४वीं-१५वीं शताब्दी) [[गागरोन]] के शाक्त राजा एवं सन्त [[कवि]] थे। वे भक्ति आंदोलन के प्रमुख संतों में से एक थे। [[गुरु ग्रंथ साहिब]] के अलावा २७ पद, १५४ साखियां, चितावणि व क-कहारा जोग ग्रंथ इनके द्वारा रचित संत साहित्य की अमूल्य निधियां हैं। श्री रामानन्दाचार्य जी महाराज के प्रमुख द्वादश महाभागवत शिष्यों मे होने के कारण इन्हें "आचार्य" की उपाधि से विभुषित किया गया है । वर्तमान में पीपाजी के अनुयायी पीपापंथी समाज (पीपा क्षत्रिय, पीपा दर्जी व अन्य) इन्हें संत शिरोमणि पीपाजी, भगत पीपाजी, पीपाचार्यजी व पीपानन्दाचार्य जी के रुप में पूजता है ।
 
==जीवन परिचय==