"युवा तुर्क आन्दोलन": अवतरणों में अंतर

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पेरिस में [[क्रांति]] की तैयारी होने लगी। अहमद रिजा को इसका नेता बनाया गया। इसके लिए तुर्क उदारवादियों का एक सम्मेलन हुआ और एकता तथा प्रगति दल की स्थापना हुई। तुर्की में इसी दल के नेतृत्व में क्रांति होने वाली थी। सुल्तान के सैनिक अफसर बहुत असंतुष्ट थे। क्रांति का आरंभ इन्हीं लोगों ने किया। 1906 ई. में सैनिकों ने कई व्रिदोह किए। लेकिन सुल्तान अब्दुल हमीद ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। जनसाधारण में भी भ्रष्टाचारी अफसरों के विरूद्ध आवाज उठने लगी थी। उदाहरण के लिये, शहरों में कई प्रदर्शन हुए। 1908 ई. में [[मैसिडोनिया]] में कई विद्रोह हुए। इसके बाद विद्रोह की आग बड़े जोर से फैलने लगी। 1908 ई. के जुलाई में सैनिक अफसरों ने यह घोषणा कर दी कि तीसरी सेना (थर्ड आर्मी) की टुकड़ी संविधान को फिर से लागू कराने के लिए इस्ताम्बूल पर हमला करेगी। उसी दिन एकता और प्रगति समिति ने संविधान को लागू करने की माँग की।
 
लेकिन, अब्दुल हमीद अब भी निश्चित होकर बैठा रहा। क्रांतिकारियों ने इससे पूरा लाभ उठाया और 23 जुलाई को क्रांति प्रारंभ हो गई। [[सैलोनिका]] में क्रांतिकारियों ने एक सरकार का संगठन किया और तुर्की लिए एक संविधान की घोषणा की गई। सुल्तान को अब पता चला कि उसके राज्य में असाधारण घटना घट चुकी है। लेकिन, जब तक विलम्ब हो चुका था। सेना से मदद मिलने की कोई आशा नहीं रह गई थी। इस स्थिति में वह असहाय था। अंतिम समय उसने परिस्थिति संभालने का यत्न किया 24 जुलाई, 1908 को एक सरकारी घोषणा की गई, जिसमें सुल्तान ने संविधान को पुनः लागू करने का वचन दिया। उसमें संसद को बुलाने की बात भी थी। साथ ही प्रेस पर से नियंत्रण हटा लिया गया। अतः अब सुल्तान अब पूरी तरह क्रांतिकारियों के कब्जेकब्जेr में आ गया था। यह युवा तुर्क आन्दोलन की सबसे बड़ी सफलता थी।
 
==इन्हें भी देखें==