"फ्रेक्सिनस ऑर्नस": अवतरणों में अंतर

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यह पौधा दक्षिण यूरोप का देशज है और ओषधि के लिए [[इटली]] और विशेषकर [[सिसिली]] में उगाया जाता है। ग्रीष्म ऋतु के आरंभ में इसमें श्वेत पुष्प के गुच्छे निकल आते हैं। इस पौधे से क्षीरी (मैना Manna ओलिएसी, Oleaceae) नामक ओषधि प्राप्त की जाती है। जब पौधा लगभग आठ वर्ष का एवं उसके तने का व्यास कम से कम तीन इंच का हो जाता है, तब जुलाई या अगस्त में भूमि के ऊपरवाले तने की छाल में केवल एक ओर प्रति दिन डेढ़ से दो इंच लंबी एक अनुप्रस्थ काट (incision) लगाई जाती है। प्रत्येक कटन एक दूसरे से प्राय: एक अथवा दो इंच ऊपर लगती है। इन कटनों में से शर्करायुक्त स्राव (exudation) निकलता है जिसको तने पर ही सूखने दिया जाता है। इसी को क्षीरी (Flake manna) कहते हैं। कटनों में लकड़ी आदि के टुकड़े खोंस देने से उनपर क्षीरी जम जाती है जो सबसे उत्तम होती है। इसको मैना आ कानोलो (Manna a cannolo) कहते हैं।
 
क्षीरी, जल एवं ऐलकोहल में घुल जाती है और इसके द्वारा चमकीले समचतुर्भुज स्तंभ (rhombic prism) और सूचियों के रूप में प्राप्त होती है। क्षीरी में ६० से ९० प्रतिशत मैनिटोल (Mannitol) [C6H8C<sub>6</sub>H<sub>8</sub> (OH)<sub>6</sub>], फ्रेक्सिन नामक प्रतिदीप्त ग्लूकोसाइड (fluorescent glucoside), शर्कराएँ ( Manninotriose और Manneotetrose) और श्लेष्म (Mucilage)और [[रेज़िन]] इत्यादि पाए जाते हैं। यह हलकी रेचक ओषधि है। मीठी होने के कारण बच्चों को जुलाब के लिए भी दी जाती है। इसकी सबसे अधिक खपत दक्षिणी अमरीका में होती है। अन्य पौधों के रस से भी कई प्रकार की क्षीरियाँ बनाई जाती है, परंतु उनमें मैनिटोल नहीं होता।
 
==सन्दर्भ==