"जयपाल सिंह मुंडा": अवतरणों में अंतर
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[[चित्र:Jaipal Singh Munda- File Picture.jpg|अंगूठाकार|जयपाल सिंह मुण्डा]]
'''जयपाल सिंह मुंडा''' (3 जनवरी 1903 – 20 मार्च 1970)<ref>{{वेब सन्दर्भ|title=http://hockeyindia.org/hall-of-fame-olympic-captains-of-india|url=http://hockeyindia.org/hall-of-fame-olympic-captains-of-india|website=Hockey India|language=English|ref=HI | accessdate= 26 जून 2016}}</ref> भारतीय आदिवासियों और [[झारखंड आंदोलन]] के एक
जयपाल सिंह [[छोटा नागपुर]] (अब [[झारखंड]]) राज्य की [[मुंडा जनजाति]] के थे। मिशनरीज की मदद से वह [[ऑक्सफोर्ड]] के सेंट जॉन्स कॉलेज में पढ़ने के लिए गए।<ref>[http://www.open.ac.uk/researchprojects/makingbritain/content/jaipal-singh]</ref> वह असाधारण रूप से प्रतिभाशाली थे। उन्होंने पढ़ाई के अलावा खेलकूद, जिनमें हॉकी प्रमुख था, के अलावा वाद-विवाद में खूब नाम कमाया।
उनका चयन [[भारतीय सिविल सेवा]] (आईसीएस) में हो गया था। आईसीएस का उनका प्रशिक्षण प्रभावित हुआ क्योंकि वह 1928 में एम्सटरडम में ओलंपिक हॉकी में पहला स्वर्णपदक जीतने वाली भारतीय टीम के कप्तान के रूप में [[नीदरलैंड]] चले गए थे। वापसी पर उनसे आईसीएस का एक वर्ष का प्रशिक्षण दोबारा पूरा करने को कहा गया (बाबूगीरी का आलम तब भी वही था जो आज है!)। उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया।
उन्होंने बिहार के शिक्षा जगत में योगदान देने के लिए तत्कालीन बिहार कांग्रेस अध्यक्ष डा. राजेन्द्र प्रसाद को इस संबंध में पत्र लिखा. परंतु उन्हें कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला. 1938 की आखिरी महीने में जयपाल ने पटना और रांची का दौरा किया. इसी दौरे के दौरान आदिवासियों की खराब हालत देखकर उन्होंने राजनीति में आने का फैसला किया.<ref>{{cite book | title=मरङ गोमके जयपाल सिंह मुंडा| edition=2015| author=Ashwini Kumar Pankaj| year=2015|publisher=Vikalp Prakashan, Delhi| isbn=978-938269531-8}}</ref>
इसके बाद ही जयपाल सिंह देश में आदिवासियों के अधिकारों की आवाज बन गए। उन्होंने 1938 में [[आदिवासी महासभा]] का गठन किया जिसने [[बिहार]] से इतर एक अलग [[झारखंड]] राज्य की स्थापना की मांग की। उनके जीवन का सबसे बेहतरीन समय तब आया जब उन्होंने [[संविधान सभा]] में बेहद वाकपटुता से देश की जनजातियों के बारे में सकारात्मक ढंग से अपनी बात रखी।▼
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== इन्हें भी देखें ==
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* [[झारखंड आंदोलन]]
* [[छोटानागपुर]]
==बाहरी कड़ियां==
*[https://www.youtube.com/watch?v=W8jYwwkslzo Jaipal Singh Munda Quote (जयपाल सिंह मुंडा ने कहा)
==सन्दर्भ==
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