"भागवत पुराण": अवतरणों में अंतर
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== भागवत की टीकाएँ ==
'विद्यावतां भागवते परीक्षा' : भागवत विद्वत्ता की कसौटी है और इसी कारण टीकासंपत्ति की दृष्टि से भी यह अतुलनीय है। विभिन्न वैष्णव संप्रदाय के विद्वानों ने अपने विशिष्ट मत की उपपत्ति तथा परिपुष्टि के निमित्त भागवत के ऊपर स्वसिद्धांतानुयायी व्याख्याओं का प्रणयन किया है जिनमें कुछ टीकाकारों का यहाँ संक्षिप्त संकेत किया जा रहा है:
{[श्री लंकेशराज रावल महाराज]}
{21वी शदी भागवत का सबसे प्रख्यात
वक्ता एवं व्याख्याकार}
* [[श्रीधर स्वामी]] ([[भावार्थ दीपिका]]; 13वीं शती, भागवत के सबसे प्रख्यात व्याखाकार),
* [[सुदर्शन सूरि]] (14वीं शती की शुकपक्षीया व्याख्या [[विशिष्टाद्वैत]]मतानुसारिणी है);
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