"वड़ोदरा": अवतरणों में अंतर

ज्ञानसन्दूक अवस्थापन
No edit summary
पंक्ति 27:
}}
 
'''वडोदरा''' [[गुजरात]] [[राज्य]] का तीसरा सबसे अधिक जनसन्ख्या वाला शहर है। यह एक [[शहर]] है जहा का [[महाराज सयाजीराव गायकवाड़ विश्वविद्यालय|महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय]] अपने सुंदर [[स्थापत्य]] के लिए जाना जाता है। वड़ोदरा गुजरात का एक महत्त्वपूर्ण नगर है। वड़ोदरा शहर, [[वडोदरा जिला|वडोदरा ज़िले]] का प्रशासनिक मुख्यालय, पूर्वी-मध्य गुजरात राज्य, पश्चिम भारत, [[अहमदाबाद]] के दक्षिण-पूर्व में विश्वामित्र नदी के तट पर स्थित है। वडोदरा को बड़ौदा भी कहते हैं।

इसका सबसे पुराना उल्लेख 812 ई. के अधिकारदान या राजपत्र में है, जिसमें इसे वादपद्रक बताया गया है। यह अंकोत्तका शहर से संबद्ध बस्ती थी। इस क्षेत्र को [[जैन धर्म|जैनियों]] से छीनने वाले दोर राजपूत राजा चंदन के नाम पर शायद इसे चंदनवाटी के नाम से भी जाना जाता था। समय-समय पर इस शहर के नए नामकरण होते रहे, जैसे वारावती, वातपत्रक, बड़ौदा और 1971 में वडोदरा।
 
== इतिहास ==
इतिहास मे शहर का पहला उल्लेख 812 ई. में इस क्षेत्र में आ कर बसे व्यापारियों के समय से मिलता है। वर्ष ई 1297 यह प्रान्त हिंदू शासन के अधिन हिंदूओ के वर्चस्व मे था। ईसाई यूग के प्रारम्भ मे यह क्षेत्र गुप्तवन्श के[[गुप्त साम्राज्य]] के अधीन था। भयंकर यूध्धयुद्ध के बाद, इस क्षेत्र पर [[चालुक्य वंश]] सत्ता आधिनमें हुआ।आया। अंत में, इस राज्य पर सोलंकी राजपूतों ने कब्जा कर लिया। इस समय तक मुस्लिम शासन भारत वर्ष मे फैल रहा था और देख तेदेखते हिही देखते वडोदरा की सत्ता की बागडोर दिल्ली के सुल्तानों के हाथ आ गइ।गई। वडोदरा पर दिल्ली के सुल्तानों ने एक लंबे समय तक शासन किया, जब तक वे मुगल सम्राटों द्वारा परास्त नहिनहीं किए गए। मुगलों की सबसे बड़ी समस्या मराठा शाषकशाशक थे जिन्होने ने धीरे -धीरे से लेकिन अंततः इस क्षेत्र पर अपना राज्य स्थापितअधिकार कर दीयालिया और यह [[मराठा वन्शसाम्राज्य|मराठा वंश]] गाइकवाड़गायकवाड़ (Gaekwads) की राजधानी बन गया। सर [[सयाजी राव गाइकवाड़गायकवाड़ तृतीय]] (1875-1939) III, इस वन्शवंश के सबसे सक्षम और लोकप्रिय शासक थेथे। और उन्हो नेउन्होने इस क्षेत्र में कई सरकारी और नौकरशाही सुधार किए, हालांकि ब्रिटिश राज का क्षेत्र पर एक बड़ा प्रभाव था। बड़ौदा भारत किकी स्वतंत्रता तक एक राजसी राज्यरियासत बना रहा। कई अन्य रियासतों की तरह, बड़ौदा राज्य भी 1947 में भारत डोमिनियन मे शामिल हो गया।
 
[[विश्वामीत्रि (Vishwamitri) नदी]] के तट पर स्थित वडोदरा उर्फ बड़ौदा शहर भारत के सबसे बड़े महानगरीय शहरों में अठारहवें नम्बरस्थान पर है। वडोदरा शहर वडोदरा जिले का प्रशासनिक मुख्यालय है और इसे उद्यानोउद्यानों का शहर, औद्योगिक राजधानी और गुजरात के तीसरे सबसे अधिक आबादी वाले शहर से भी जाना जाता है। इसकी समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं के कारण, जिले को [[संस्कार|संस्कारी (Sanskari)]] नगरी के रूप में संदर्भित कियाजाना जाता है। कई संग्रहालयों और कला दीर्घाओं, उद्योगों की इस आगामी हब और आईटी के साथ पर्यटकों का पसंदीदा स्थल है। राजा चन्दन के शासन के समय मे वडोदरा को चन्द्रावति (Chandravati)'चन्द्रावती' के नाम से जाना जाता था और बाद मे विरो'वीरक्षेत्र' कि(अर्थात धरती'वीरों यानैकी विराशेत्रा (Virakshetra)धरती' या विरावती (Viravati)'वीरावती'। विश्वामीत्रि नदी के तट पर [[बरगद]] के पेड़ की बहतायतबहुतायत कीके वजह सेकारण वडोदरा को 'वडपात्रा (Vadpatra)' या 'वडपत्रा' (Vadpatra) के नाम से जाना जाने लगा और यहायहीं से इसके वर्तमान नाम किकी उत्पत्ति हूइ।हुई।
 
== शिक्षण संस्थान ==
[[चित्र:Maharaja Sayajirao University.jpg|thumb|right|200px|महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय]]
वडोदरा का लंबा इतिहास इसके कई महलों, द्वारों, उद्यानों और मार्गों से परिलक्षित होता है। यहाँ [[महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटीविश्वविद्यालय, ऑफ़ बड़ौदावडोदरा]] (1949) तथा अन्य शैक्षणिक व सांस्कृतिक संस्थान हैं, जिनमें इंजीनियरिंग संकाय, मेडिकल कॉलेज वडोदरा, होमियोपैथिक मेडिकल कॉलेज, वडोदरा बायोइंफ़ॉर्मेटिक्स सेंटर, कला भवन तथा कई संग्रहालय शामिल हैं।
 
== कलाकृतियाँ ==