"भारतीय साहित्य अकादमी": अवतरणों में अंतर
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==इतिहास==
भारत की स्वतंत्रता के भी काफ़ी पहले से देश की ब्रिटिश सरकार के पास भारत में साहित्य की राष्ट्रीय संस्था की स्थापना का प्रस्ताव विचाराधीन था। 1944 में, भारत सरकार ने रॉयल एशियाटिक सोसायटी ऑफ़ बंगाल का यह प्रस्ताव सैद्धांतिक रूप से स्वीकार कर लिया था कि सभी क्षेत्रों में सांस्कृतिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय सांस्कृतिक ट्रस्ट का गठन किया जाना चाहिए। ट्रस्ट के अंतर्गत साहित्य अकादेमी सहित तीन अकादेमियाँ थीं। स्वतंत्रता के पश्चात् भारत की स्वतंत्र सरकार द्वारा प्रस्ताव का अनुसरण करते हुए विस्तृत रूपरेखा तैयार करने के लिए श्रृंखलाबद्ध बैठकें बुलाई गईं। सर्वसम्मति से तीन राष्ट्रीय अकादेमियों के गठन का निर्णय हुआ, एक साहित्य के लिए दूसरी दृश्यकला तथा तीसरी नृत्य, नाटक एवं संगीत के लिए।
==संदर्भ==
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