"सत्येन्द्र नारायण सिन्हा": अवतरणों में अंतर

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== व्यक्तिगत जीवन ==
छोटे साहब के<ref>http://www.prabhatkhabar.com/news/patna/story/911694.html</ref> रूप में प्रसिद्ध स्व सत्येंद्र नारायण सिन्हा की पत्नी किशोरी सिन्हा वैशाली की पहली [[महिला]] [[सांसद]] थी तथा 1980 में जनता पार्टी व 1984 में कांग्रेस पार्टी से [[सांसद]] बनी थी| अस्सी व नब्बे के दशक में किशोरी सिन्हा ने <ref>http://www.jagran.com/bihar/vaishali-first-woman-govrner-of-from-vaishali-15248187.html</ref>महिला सशक्तिकरण की मिसाल पेश की थी।
 
== राजनीतिक जीवन ==
स्वतंत्रता संग्राम में भागीदारी के बाद देश की आज़ादी के समय राष्ट्रीय राजनीति में इनका नाम वज़नदार हो चुका था। उन्होंने छठे और सातवें दशक में [[बिहार]] की राजनीति में निर्णायक भूमिका निभायी। सत्येन्द्र बाबू 1961 में बिहार के [[शिक्षा]] [[मंत्री]] बने जो उप मुख्यमंत्री के हैसियत में थे। छोटे साहब की शिक्षा के प्रति<ref>http://www.jagran.com/bihar/patna-city-satyendra-narayan-singh-16355414.html</ref> विशेष अभिरुचि थी और वे बिहार की शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए सदा प्रयासरत रहे। उन्होंने सैद्धांतिक राजनीति के लिए मानवीय अनुभूतियों को तिलांजलि दे दी, [[शिक्षा]] [[मंत्री]] के रूप में शैक्षणिक सुधार किया, साथ ही [[मगध]] [[विश्वविद्यालय]] की स्थापना की।
 
सत्येंद्र बाबू सरल स्वभाव के और सब के लिए उपलब्ध<ref>https://www.bhaskar.com/news/BIH-PAT-HMU-MAT-latest-patna-news-021002-2986458-NOR.html</ref> रहने वाले राजनेता थे। वे प्रजातांत्रिक मूल्यों और राजनीति में आंतरिक प्रजातंत्र के हिमायती थे और देश में अपनी सैद्धांतिक राजनीति के लिए चर्चित हुआ करते थे। सत्येन्द्र बाबू ने बिहार के विकास में अग्रणी भूमिका निभाई। अपने छह दशक के राजनीतिक जीवन में छोटे साहब ने कई मील के पत्थर स्थापित किए। युवाओं और छात्रों को राजनीति में आने के लिए मोटिवेट किया। सत्येन्द्र नारायण सिन्हा के प्रोत्साहन पर आपातकाल आन्दोलन से नितीश कुमार, नरेन्द्र सिंह, रामजतन सिन्हा, लालू प्रसाद यादव, रघुवंश प्रसाद सिंह, सुशिल कुमार मोदी, रामविलास पासवान और सुबोधकान्तसहाय सरीखें तात्कालीन युवा नेता निकले|इन्होंने वर्ष 1988 में पटना के ऐतिहासिक [[तारामंडल]] की आधारशिला रखी, साथ ही अपने मुख्यमंत्रीत्व काल में बिहार के  नवीनगर में सुपर थर्मल पावर परियोजना की सिफारिश की|
 
== जीवनी ==
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==स्मृति श्रद्धांजलि==
पटना के प्रतिष्ठित चिल्ड्रेन पार्क, श्रीकृष्णापुरी का नामकरण [[स्वतंत्रता सेनानी]] एवं अविभाजित बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सत्येन्द्र नारायण सिन्हा<ref>http://www.bhaskar.com/news/BIH-PAT-HMU-MAT-latest-patna-news-020004-544032-NOR.html </ref> के नाम से अब '''''सत्येन्द्र नारायण सिन्हा पार्क''''' श्रीकृष्णापुरी किया गया हैं और उनकी जयंती पे आयोजित राजकीय जयंती समारोह पर पार्क में उनकी आदमकद प्रतिमा का राज्यपाल [[रामरामनाथ नाथ कोविन्द]]कोविंद और बिहार के मुख्यमंत्री [[नीतीश कुमार]] ने अनावरण किया।
 
== राजनीतिक पद ==
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== बाहरी कड़ियाँ ==
* [http://www.livehindustan.com/news/location/rajwarkhabre/article1-story-248-0-180255.html&locatiopnvalue=10 छोटे साहब ने कई मील के पत्थर स्थापित किए- उपराष्ट्रपति]
*[http://www.jagran.com/bihar/patna-city-satyendra-narayan-singh-16355414.html शिक्षा विकास के प्रहरी थे सत्येंद्र बाबू]
* [http://m.rajasthanpatrika.patrika.com/lite/story/india/bihar-cm-nitish-kumar-hits-at-nda-leaders-over-pm-narendra-modi-s-dna-barb-1273547.html सत्येन्द्र नारायण सिन्हा बिहार की राजनीति के स्तंभ थे:मुख्यमंत्री नीतीश कुमार]
* [http://www.insighttvnews.com/newsdetails.php?show=49451 सत्येन्द्र बाबू के नाम पर होगा मगध विश्वविद्यालय-मुख्यमंत्री]