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इटली के राष्ट्रीय-एकीकरण के आदर्श को सम्यक् रूप देने का श्रेय [[ज्यूसेपे मेत्सिनी|मेजिनी]] को है। उसका जन्म 1805 ई. में [[जिनेवा]] में हुआ था। वह [[फ्रांसीसी क्रांति|फ्रांस की राज्यकान्ति]] से बड़ा प्रभावित था। जिसका श्रेय उसके डॉक्टर पिता को जाता है। वह अपने पिता से प्रेरणा प्राप्त कर क्रान्ति संबंधी साहित्य का अध्ययन करता रहा, इसीलिए वह बाल्यकाल से ही क्रांन्तिकारी विचारों का पोषक हो गया। पढ़ाई समाप्त करने के बाद वह कार्बोनरी का सदस्य बन गया। उदार विचारों के कारण वह 1830 ई. में गिरफ्तार कर लिया गया। लगभग एक वर्ष तक वह [[सेनोना]] की जेल में कैद रहा। जेल से मुक्ति के बाद उसने ‘‘युवक-इटली’’ नामक संस्था का गठन किया, जिससे देश में राजनीतिक जागृति आई। इसकी सदस्य संख्या में निरंतर वृद्धि होती गयी। 1833 ई. में यंग-इटली के सदस्यों की संख्या 60 हजार हो गयी। उसने यह कहा कि नये विचार तभी फैलते हैं जब उसे श्हीदों के खून से सींचा जाता है। वह युवकों के नेतृत्व को महत्वपूर्ण मानता था। वह देश की तत्कालीन व्यवस्था से दुखी था और उसमें सुधार लाने का उपाय सोचता था। उसने देश की जनता को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी प्रतिष्ठा और उन्नति अवरुद्ध है। हमारी शानदार प्राचीन परम्परा रही है, पर वर्तमान में न हमारा कोई राष्ट्रीय अस्तित्व नहीं है। इसके लिए उसने ऑस्ट्रिया को दोषी बताया। अतः उसने उसके खिलाफ संगठित होकर उसका सामना करने की आवश्यकता प्रतिपादित की। इस प्रकार मेजिनी अपने विचारों से इटली की जनता को राष्ट्रीय-एकीकरण के लिए प्रोत्साहित करता रहा और उनमें देशप्रेम और बलिदान की भावना को कूट-कूटकर भरता रहा। वह स्वयं गणतंत्र का समर्थक था तथा अन्य लोगों को भी वह स्वतंत्रता का पाठ पढ़ाता था। इस प्रकार वह इटली के स्वाधीनता के संघर्ष का अग्रदूत बना रहा। 1848 ई. की [[फ्रांसीसी क्रांति]] का प्रभाव इटली पर भी पड़ा। अतः देशभक्तों ने स्वतंत्रता प्राप्त करने का प्रयास किया। इस प्रयास में उन्हें सफलता तो नहीं मिली, परंतु मेटरनिख के पतन के कारण उनका उत्साह इटली के राष्ट्रीय-एकीकरण के आदर्श को सम्यक् रूप देने का श्रेय [[ज्यूसेपे मेत्सिनी|मेजिनी]] को है। उसका जन्म 1805 ई. में [[जिनेवा]] में हुआ था। वह [[फ्रांसीसी क्रांति|फ्रांस की राज्यकान्ति]] से बड़ा प्रभावित था। जिसका श्रेय उसके डॉक्टर पिता को जाता है। वह अपने पिता से प्रेरणा प्राप्त कर क्रान्ति संबंधी साहित्य का अध्ययन करता रहा, इसीलिए वह बाल्यकाल से ही क्रांन्तिकारी विचारों का पोषक हो गया। पढ़ाई समाप्त करने के बाद वह कार्बोनरी का सदस्य बन गया। उदार विचारों के कारण वह 1830 ई. में गिरफ्तार कर लिया गया। लगभग एक वर्ष तक वह [[सेनोना]] की जेल में कैद रहा। जेल से मुक्ति के बाद उसने ‘‘युवक-इटली’’ नामक संस्था का गठन किया, जिससे देश में राजनीतिक जागृति आई। इसकी सदस्य संख्या में निरंतर वृद्धि होती गयी। 1833 ई. में यंग-इटली के सदस्यों की संख्या 60 हजार हो गयी। उसने यह कहा कि नये विचार तभी फैलते हैं जब उसे श्हीदों के खून से सींचा जाता है। वह युवकों के नेतृत्व को महत्वपूर्ण मानता था। वह देश की तत्कालीन व्यवस्था से दुखी था और उसमें सुधार लाने का उपाय सोचता था। उसने देश की जनता को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी प्रतिष्ठा और उन्नति अवरुद्ध है। हमारी शानदार प्राचीन परम्परा रही है, पर वर्तमान में न हमारा कोई राष्ट्रीय अस्तित्व नहीं है। इसके लिए उसने ऑस्ट्रिया को दोषी बताया। अतः उसने उसके खिलाफ संगठित होकर उसका सामना करने की आवश्यकता प्रतिपादित की। इस प्रकार मेजिनी अपने विचारों से इटली की जनता को राष्ट्रीय-एकीकरण के लिए प्रोत्साहित करता रहा और उनमें देशप्रेम और बलिदान की भावना को कूट-कूटकर भरता रहा। वह स्वयं गणतंत्र का समर्थक था तथा अन्य लोगों को भी वह स्वतंत्रता का पाठ पढ़ाता था। इस प्रकार वह इटली के स्वाधीनता के संघर्ष का अग्रदूत बना रहा। 1848 ई. की [[फ्रांसीसी क्रांति]] का प्रभाव इटली पर भी पड़ा। अतः देशभक्तों ने स्वतंत्रता प्राप्त करने का प्रयास किया। इस प्रयास में उन्हें सफलता तो नहीं मिली, परंतु मेटरनिख के पतन के कारण उनका उत्साह बना रहा।
 
==विक्टर इमेनुएल का योगदान==