"मणिकर्ण": अवतरणों में अंतर
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}}</ref> सिखों के धार्मिक स्थलों में यह स्थल विशेष स्थान रखता है। गुरुद्वारा मणिकर्ण साहिब [[गुरु नानक|गुरु नानकदेव]] की यहां की यात्रा की स्मृति में बना था। जनम सखी और ज्ञानी ज्ञान सिंह द्वारा लिखी तवारीख गुरु खालसा में इस बात का उल्लेख है कि [[गुरु नानक]] ने भाई मरदाना और पंच प्यारों के साथ यहां की यात्रा की थी। इसीलिए [[पंजाब]] से बडी़ संख्या में लोग यहां आते हैं। पूरे वर्ष यहां दोनों समय लंगर चलता रहता है।
यहाँ पर [[श्रीराम|भगवान राम]], [[श्रीकृष्ण|भगवान कृष्ण]], [[विष्णु|भगवान विष्णु]], और [[
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|title=भगवान शिव, हिमाचल प्रदेश के प्रमुख देवता
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