"आर्य प्रवास सिद्धान्त": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
No edit summary |
No edit summary |
||
पंक्ति 5:
उपयुक्त सिद्धांत का प्रतिपादन १८वी शताब्दी के अंत में तब किया गया जब यूरोपीय भाषा परिवार की खोज हुई। जिसके अंतर्गत भारतीय भाषाओं में युरोपीय भाषाओं से कई समानताएं दिखीं। जैसे घोड़े को ग्रीक में इक्वस, फ़ारसी में इश्प और संस्कृत में अश्व कहते हैं, भाई को लैटिन-ग्रीक में फ्रेटर (अंग्रेज़ी में फ्रेटर्निटी, Fraternity), फ़ारसी में बिरादर और संस्कृत में भ्रातर कहते हैं । ऐसे शब्द तो समान दिखते हैं, लेकिन हज़ारों की संख्या में ऐसे शब्द हैं जिनका कोई सबंध नहीं है (जैसे ख़ून को लहू, Blood और Haemo, आदि हज़ारों हैं) ।
|