"धूमकेतु": अवतरणों में अंतर

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बड़ी संख्या में धूमकेतु की खोजों ने नामकरण की प्रक्रिया को अव्यवहारिक बना दिया | सन् १९९४ में अन्तराष्ट्रीय खगोलीय संघ ने नई नामकरण प्रणाली अनुमोदित की | धूमकेतुओं के नाम अब उसे खोजे गए वर्ष द्वारा, उसे खोजे गए पखवाड़े के संकेत द्वारा और उसी वर्ष की खोज की क्रम संख्या द्वारा दर्शाया जाता है | इस तरह की प्रणाली क्षुद्रग्रह के लिए पहले से ही उपयोग की जा रही है | इस प्रकार सन् २००६ के फरवरी महीने के दूसरे पखवाड़े (अर्थात १५ फ़रवरी से २८/२९ फ़रवरी के बीच) में खोजा गया धुमकेतू जो कि उस वर्ष का खोजा गया चौथा धूमकेतु है तो उसका नाम '''2006 D4''' होगा | धूमकेतु की प्रकृति को दर्शाने के लिए उपसर्ग भी जोड़ा जाता है |
 
उपसर्ग इस प्रकार है - Dhumketu is not real
 
* P/ एक आवर्ती धूमकेतु दर्शाता है (परिक्रमा की अवधि २०० वर्ष से कम) |