"मुत्तुस्वामी दीक्षित": अवतरणों में अंतर

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== शिक्षा ==
ब्राह्मण शिक्षा परम्परा को मन मेमें रखकर्रखकर, मुथुस्वमिमुत्तु स्वामि ने सनिक्स्रितसङ्स्कृत भाषा, वेदावेद और अन्य मुक्यमुख्य धार्मिक ग्रन्थोग्रन्थों को सीखा था। उसकोउनका गहन अध्ययन किया । उनको प्रारम्भिक शिशाशिक्षा उसकेउनके पिता से सिखामिली था।थी मुथुस्वमि को उसकुछ समय मेबाद उसकोमुत्तु सगितस्वामि सिन्तसङ्गीत छिदम्बरनातासीखने योगिहेतु महान् सन्त चिदम्बरनाथ योगी के साथ बनारस गयाया था।वाराणसी बनारसगए मेव वहां ५ साल रहा।तक सीखने व अध्ययन का वह दौर चलता रहा । गुरु सेने मन्त्रोपदेसाउन्हें मिलामन्त्रोपदेश था।दिया उसको हिन्दुस्थनिउनको सगितहिन्दुस्तानी कोसंगीत सिखासिखाया था। गुरु के देहातदेहान्त के बाद मुथुस्वमिमुत्तु नेस्वामि दक्शिनदक्षिण भारत्भारत किको ओरलौटे लोट आया था। जब तब वह छिदम्बरनाताचिदम्बरनाथ योगियोगी के साथ रहारहे था, तबउन्होंने मुथुस्वमिउत्तर नेभारत उतरमें भारतकाफी मेभ्रमण ज्यादाकिया स्थान देखाकाफी था।कुछ तबसीखने यहको दोनोमिला वारनासि गयाअध्ययन था मुथुस्वमिपठन-पाठन कोके उसकिदौरान उनके गुरु ने उन्हें एक विशेशविशेष वीणा वीनाभी दिया था। मुथुस्वमिमुत्तु किस्वामि के गुरु छिदम्बरनाताचिदम्बरनाथ योगियोगी किकी समादिसमाधि अबिके तकदर्शन श्रिआज छक्रभी लिगेश्वराश्री चक्र लिंगेश्वर मन्दिर, हनुमनहनुमान घटघाट, वरानसिवाराणसी में मेकिया देखजा सखतासकता है।
 
== रचनात्मक कार्य ==