"नैनोप्रौद्योगिकी": अवतरणों में अंतर

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[[याँत्रिक अभियाँत्रिकी|<span title="Mechanical Engineering">याँत्रिक अभियाँत्रिकी</span>]] और
[[वैद्युत अभियाँत्रिकी|<span title="Electrical Engineering">वैद्युत अभियाँत्रिकी</span>]]. अभी यह कहना मुशकिल है कि इन रेखाओं में अनुसन्धान के क्या परिणाम होंगे। नैनोप्रौद्योगिकी को विद्यमान विज्ञान का नैनो स्केल में विस्तारीकरण, या विद्यमान विज्ञान को एक नये आधुनिक शब्ध में पुनराधारित कर रहा है।
 
21वीं सदी नैनो सदी बनने जा रही है। आज वस्तुओं के आकार को छोटा और मजबूत बनाने की होड़-सी मची हुई है। विभिन्न क्षेत्रों में नैनो तकनीक विकसित करने के लिए दुनिया भर में बड़े पैमाने पर शोध हो रहे हैं। अति सूक्ष्म आकार, बेजोड़ मजबूती और टिकाऊपन के कारण इलेक्ट्रॉनिक्स, मेडिसिन, ऑटो, बायोसाइंस, पेट्रोलियम, फॉरेंसिक और डिफेंस जैसे तमाम क्षेत्रों में नैनो टेक्नोलॉजी की असीम संभावनाएं बन रही हैं।
 
[[चित्र:C60a.png|thumb|right|175px|बक्मिनिस्तर फुल्लरीन् C<sub>60</sub>, जिसे '''बकिबॉल''' भी कहतें हैं, जो [[कार्बन के अपरूप|<span title="Carbon Isotopes">कार्बन के सबसे सरल ढाचे</span>]], [[फुल्लरीन्|<span title="Fullerenes">फुल्लरीन्</span>]], है। फुल्लरीन् परिवार के सदस्यों पर अनुसन्धान नैनोप्रौद्योगिकी का महत्वपूर्ण विषय है।]]
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नैनोतकनीक में दो प्रमुख पद्वतियों को अपनाया गया है। पहली पद्वति में पदार्थ और उपकरण [[अणु|<span title="Atomic">आणविक</span>]] घटकों से बनाए जातें हैं जो अणुओं के [[आणुविक अभिज्ञान|<span title="molecular recognition">आणुविक अभिज्ञान</span>]] के द्वारा [[स्व-एकत्रण|<span title="Self Assembly">स्व-एकत्रण</span>]] के रसायनिक सिधान्तों पर आधरिथ है। दूसरी पद्वति में नैनो-वस्तुओं का निर्माण बिना अणु-सतह पर नियंत्रण के, बडे सत्त्वों से किया जाता है। नैनोतकनीक में आवेग [[माध्यम और कोलाइडल् विज्ञान|<span title="Interface and Colloid Science">माध्यम और कोलाइडल् विज्ञान</span>]] पर नवीकृत रुचि और नयी पीढी के विशलेष्णात्मक उपकरण, जैसे कि [[परमाण्विक बल सूक्ष्मदर्शी यंत्र|<span title="atomic force microscope">परमाण्विक बल सूक्ष्मदर्शी यंत्र</span>]] (AFM) और [[अवलोकन टनलिंग सूक्ष्मदर्शी यंत्र|<span title="scanning tunneling microscope">अवलोकन टनलिंग सूक्ष्मदर्शी यंत्र</span>]] (STM)। इन यन्त्रों के साथ [[इलेक्ट्रॉन किरण अश्मलेखन|<span title="electron beam lithography">इलेक्ट्रॉन किरण अश्मलेखन</span>]] और [[आणविक किरण एपिटैक्सी|<span title="molecular beam epitaxy">आणविक किरण एपिटैक्सी</span>]] जैसे विधिओं के प्रयोग से नैनो-विन्यासों के प्रकलन से इस विज्ञान में उन्नति हुई।
 
नैनो का अर्थ है ऐसे पदार्थ, जो अति सूक्ष्म आकार वाले तत्वों (मीटर के अरबवें हिस्से) से बने होते हैं। नैनो टेक्नोलॉजी अणुओं व परमाणुओं की इंजीनियरिंग है, जो भौतिकी, रसायन, बायो इन्फॉर्मेटिक्स व बायो टेक्नोलॉजी जैसे विषयों को आपस में जोड़ती है।
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इस प्रौद्योगिकी से विनिर्माण, बायो साइंस, मेडिकल साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स व रक्षा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाया जा सकता है, क्योंकि इससे किसी वस्तु को एक हजार गुणा तक मजबूत, हल्का और भरोसेमंद बनाया जा सकता है। छोटे आकार, बेहतर क्षमता और टिकाऊपन के कारण मेडिकल और बायो इंजीनियरिंग में नेनौ टेक्नोलॉजी तेजी से बढ़ रही है। नेनौ टेक्नोलॉजी से इंजन में कम घर्षण होता है, जिससे मशीनों का जीवन बढ़ जाता है। साथ ही ईंधन की खपत भी कम होती है।
 
नैनो विज्ञान अति सूक्ष्म मशीनें बनाने का विज्ञान है। ऐसी मशीनें, जो इंसान के जिस्म में उतर कर, उसकी धमनियों में चल-फिर कर वहीं रोग का ऑपरेशन कर सकें। ऐसी मशीनें, जो मोबाइल को आपके नाखून से भी छोटा कर दें। जो ऐसी धातु बना दें, जो स्टील से दस गुना हल्की और सौ गुना मजबूत हो। यानी वह धातु, जिससे ऐसे खंभे बनाए जा सकें, जो सिर्फ कुछ इंच के हों, लेकिन पुल का बोझ सह सकें।<!--|<span title=""></span>-->
 
आधुनिक उपयोग में नैनोतकनीक के उदाहरण आणुविक ढांचे पर आधारित पोलिमर और सतह विज्ञान पर आधारित कम्प्यूटर चिप का निर्माण है। नैनोतकनीक के अनेक आशाजनक क्षेत्रों, जैसे [[क्वांटम डोट्स|<span title="Quantum Dots">क्वांटम डोट्स</span>]] और [[नैनोंट्यूब|<span title="Nanotubes">नैनोंट्यूब्स</span>]], के बावज़ूद, वास्तविक वाणिज्यिक उपयोग अम्बार स्तर पर नैनोंकणों का उपयोग में सीमित है, जैसे [[धूप मलहम|<span title="Sun screen">धूप मलहम</span>]], [[प्रसाधन सामग्री|<span title="Cosmetic Products">प्रसाधन सामग्री</span>]], [[रक्षात्मक लेप|<span title="Protective Coatings">रक्षात्मक लेप</span>]], [[दवा सुपुर्दगी|<span title="Drug Delivery">दवा सुपुर्दगी</span>]]<ref>{{cite journal |author=अब्डेलवाहेद डब्लू, डेगोबर्ट जी, स्टैनमेस्सि एस, फेस्सि एच, |title= Freeze-drying of nanoparticles: Formulation, process and storage considerations|journal=[http://www.aapspharmaceutica.com/search/view.asp?ID=81310 Advanced Drug Delivery Reviews]. |volume=58 |issue=15 |pages=1688-1713 |year=2006}}</ref> और दाग प्रतिरोधी कपड़ों।
 
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दीर्घकालीन चिन्ताएं समाज पर आर्थिक कुप्रभाव, जैसे विकसित और विकासशील राष्टों के बीच बढते आर्थिक असमताएं और अर्थव्यवस्था का [[पश्च-अभावग्रस्त|<span title="post scarcity">पश्च-अभावग्रस्त</span>]] अवस्था में जाना, हैं।
 
नैनो टेक्नोलॉजी मार्केट का काफी तेजी से विस्तार हो रहा है। वैज्ञानिक गतिविधियां बढ़ने और हर क्षेत्र में नैनो टेक्नोलॉजी की बढ़ती मांग की वजह से पिछले कुछ वर्ष में इस क्षेत्र में अत्यधिक विस्तार की जरूरत पड़ रही है। अभी तक भारत में नैनो टेक से संबंधित अधिकांश कार्य आयात किए जा रहे हैं। हालांकि देश में रिसर्च का काम तेजी से चल रहा है, लेकिन अभी तक देश इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर नहीं हो पाया है। ऐसे में आने वाले समय में इस क्षेत्र में देश में विकास की काफी संभावनाएं हैं। नैनो टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में लगातार विकास होने की वजह से युवाओं के लिए इस क्षेत्र में असीम संभावनाएं उत्पन्न होंगी। वर्तमान में देश के अलावा विदेश में भी अच्छे व जानकार नैनो टेक्नोलॉजिस्ट की काफी मांग है। यह इंटरडिसिप्लिनरी एरिया है, इसलिए इस क्षेत्र में आने वाले युवाओं को फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी और मैथ्स जैसे सब्जेक्ट में अच्छा होना जरूरी है। लगातार रिसर्च एंड डेवलपमेंट की वजह से यह बात कही जा सकती है कि आने वाला समय नैनो टेक्नोलॉजी का ही है। 
 
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