"प्राकृतिक वरण": अवतरणों में अंतर
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जिस प्रक्रिया द्वारा किसी जनसंख्या में कोई जैविक गुण कम या अधिक हो जाता है उसे '''प्राकृतिक वरण''' या 'प्राकृतिक चयन' या '''नेचुरल सेलेक्शन '''(Natural selection) कहते हैं। यह एक धीमी गति से क्रमशः होने वाली अनयादृच्छिक (नॉन-रैण्डम) प्रक्रिया है। प्राकृतिक वरण ही जैवविकास (इवोलुशन) की प्रमुख कार्यविधि है। [[चार्ल्स डार्विन]] ने इसकी नींव रखी और इसका प्रचार-प्रसर किया।
यह तंत्र विशेष रूप से इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह एक प्रजाति को [[पर्यावरण]] के लिए अनुकूल बनने मे सहायता करता है। प्राकृतिक चयन का सिद्धांत इसकी व्याख्या कर सकता है कि पर्यावरण किस प्रकार प्रजातियों और जनसंख्या के विकास को प्रभावित करता है ताकि वो सबसे उपयुक्त लक्षणों का चयन कर सकें। यही विकास के सिद्धांत का मूलभूत पहलू है।
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== इन्हें भी देखें ==
* [[मानव का विकास]]
* [[जीवजाति का उद्भव]] ('द ओरिजिन ऑफ स्पेसीज')
* [[स्वस्थतम की उत्तरजीविता]] (सर्वाइवल ऑफ द फिटेस्ट)
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