"अर्नेस्ट रदरफोर्ड": अवतरणों में अंतर

टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
No edit summary
पंक्ति 1:
'''अर्नेस्ट (Ernest Rutherford)रदरफोर्ड''' (३० अगस्त १८७१ - ३१ अक्टूबर १९३७) प्रसिद्ध रसायनज्ञ तथा भौतिकशास्त्री थे। उन्हें [[नाभिकीय भौतिकी]] का जनक माना जाता है।
 
== परिचय==
''' (Ernest Rutherford) (३० अगस्त १८७१ - ३१ अक्टूबर १९३७) प्रसिद्ध रसायनज्ञ तथा भौतिकशास्त्री थे। उन्हें [[नाभिकीय भौतिकी]] का जनक माना जाता है।
== परिचय रदरफोर्ड का जन्म 30 अगस्त 1871 को [[न्यूजीलैंड]] में हुआ था। अपनी अधिकतम उम्र रासायनिक प्रयोगों में गुजारने वाले वैज्ञानिक [[माइकल फैराडे]] के बाद दूसरे स्थान पर अर्नेस्ट रदरफोर्ड का ही नाम आता है। भौतिक विज्ञान में अपनी योग्यताओं के चलते 1894 में अर्नेस्ट रदरफोर्ड को प्रसिद्ध भौतिक विज्ञानी सर [[जेजे थामसन]] के अधीन रिसर्च करने का मौका मिला, इसके लिए उन्हें स्कॉलरशिप भी मिली। 1898 में कनाडा के मैकगिल यूनिवर्सिटी में वे भौतिकी के प्रोफेसर रहे और 1907 में इंग्लैंड मैनचैस्टर यूनिवर्सिटी में भौतिकी के व्याख्याता। 1919 में थामसन की मृत्यु के बाद कैम्ब्रीज यूनिवर्सिटी में अर्नेस्ट रदरफोर्ड ही भौतिकी के प्रोफेसर और डायरेक्टर बने। भौतिक रसायन के लगभग सभी प्रयोगों में उपयोग होने वाली अल्फा, बीटा और गामा किरणों के बीच अंतर बताने वाले वैज्ञानिक अर्नेस्ट रदरफोर्ड ही थे। न्यूक्लियर फिजिक्स में अर्नेस्ट रदरफोर्ड के योगदान के लिए 1908 में उन्हें [[नोबल पुरस्कार]] से सम्मानित किया गया।
ashish pratap rana
 
== परिचय का जन्म 30 अगस्त 1871 को [[न्यूजीलैंड]] में हुआ था। अपनी अधिकतम उम्र रासायनिक प्रयोगों में गुजारने वाले वैज्ञानिक [[माइकल फैराडे]] के बाद दूसरे स्थान पर अर्नेस्ट रदरफोर्ड का ही नाम आता है। भौतिक विज्ञान में अपनी योग्यताओं के चलते 1894 में अर्नेस्ट रदरफोर्ड को प्रसिद्ध भौतिक विज्ञानी सर [[जेजे थामसन]] के अधीन रिसर्च करने का मौका मिला, इसके लिए उन्हें स्कॉलरशिप भी मिली। 1898 में कनाडा के मैकगिल यूनिवर्सिटी में वे भौतिकी के प्रोफेसर रहे और 1907 में इंग्लैंड मैनचैस्टर यूनिवर्सिटी में भौतिकी के व्याख्याता। 1919 में थामसन की मृत्यु के बाद कैम्ब्रीज यूनिवर्सिटी में अर्नेस्ट रदरफोर्ड ही भौतिकी के प्रोफेसर और डायरेक्टर बने। भौतिक रसायन के लगभग सभी प्रयोगों में उपयोग होने वाली अल्फा, बीटा और गामा किरणों के बीच अंतर बताने वाले वैज्ञानिक अर्नेस्ट रदरफोर्ड ही थे। न्यूक्लियर फिजिक्स में अर्नेस्ट रदरफोर्ड के योगदान के लिए 1908 में उन्हें [[नोबल पुरस्कार]] से सम्मानित किया गया।
 
अर्नेस्ट रदरफोर्ड के [[परमाणु संरचना सिद्धांत|परमाणु संरचना के सिद्धांत]] से पहले पदार्थों में परमाणु की उपस्थिति का पता तो चल सका था, किन्तु परमाणु के बारे में जो जानकारी थी उसे आगे गति दी अर्नेस्ट रदरफोर्ड के किए प्रयोंगों ने।