"ख़ालसा": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
Sanjeev bot (वार्ता | योगदान) छो बॉट: वर्तनी एकरूपता। |
No edit summary टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
||
पंक्ति 1:
{{सन्दूक सिख धर्म}}
'''खालसा''' [[सिख धर्म]] के
सतगुरु गोबिंद सिंह ने खालसा महिमा में खालसा को "काल पुरख की फ़ौज" पद से निवाजा है | [[तलवार]] और [[केश]] तो पहले ही सिखों के पास थे, गुरु गोबिंद सिंह ने "खंडे बाटे की पाहुल" तयार कर [[कछा]], [[कड़ा]] और [[कंघा]] भी दिया | इसी दिन खालसे के नाम के पीछे "[[सिंह]]" लग गया | शारीरिक देख में खालसे की भिन्ता नजर आने लगी | पर खालसे ने आत्म ज्ञान नहीं छोड़ा, उस का प्रचार चलता रहा और आवश्यकता पड़ने पर तलवार भी चलती रही |
|