"वन्दे मातरम्": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Bankim Chandra Chattopadhyay.jpg|right | thumb |150px| '''वन्दे मातरम्''' के रचयिता [[बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय]]]]
[[चित्र:Bharat Mata.jpg |thumb|right|200px|अवनीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा बनाया गया [[भारतमाता]] का चित्र]]
{{भारत के राष्ट्रीय प्रतीक}}
'''वन्दे मातरम्''' ( [[बाँग्ला]]: বন্দে মাতরম) भारत का संविधान सम्मत [[राष्ट्रगीत]] है। <ref name="National Symbols of India">{{cite web| url=http://india.gov.in/knowindia/national_song.php| title=National Symbols of India| publisher= [[भारत सरकार]]| accessdate=2008-04-29}}</ref>
[[चित्र:Bharat Mata.jpg |thumb|right|200px|अवनीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा बनाया गया [[भारतमाता]] का चित्र]]
[[चित्र:Bankim Chandra Chattopadhyay.jpg|right | thumb |150px| '''वन्दे मातरम्''' के रचयिता [[बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय]]]]
[[बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय]] द्वारा संस्कृत बाँग्ला मिश्रित भाषा में रचित इस गीत का प्रकाशन सन् [[१८८२]] में उनके उपन्यास [[आनन्द मठ]] में अन्तर्निहित गीत के रूप में हुआ<ref name="mustard">[http://www.mustrad.org.uk/articles/mataram.htm Vande Mataram<!-- Bot generated title -->]</ref> था। इस [[उपन्यास]] में यह गीत भवानन्द नाम के संन्यासी द्वारा गाया गया है। इसकी धुन [[यदुनाथ भट्टाचार्य]] ने बनायी थी।
 
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यदि [[बाँग्ला]] भाषा को ध्यान में रखा जाय तो इसका शीर्षक "बन्दे मातरम्" होना चाहिये "वन्दे मातरम्" नहीं। चूँकि [[हिन्दी]] व [[संस्कृत]] भाषा में 'वन्दे' शब्द ही सही है, लेकिन यह गीत मूलरूप में बाँग्ला लिपि में लिखा गया था और चूँकि बाँग्ला लिपि में '''व''' अक्षर है ही नहीं अत: '''बन्दे मातरम्''' शीर्षक से ही बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय ने इसे लिखा था। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए शीर्षक 'बन्दे मातरम्' होना चाहिये था। परन्तु संस्कृत में 'बन्दे मातरम्' का कोई शब्दार्थ नहीं है तथा "वन्दे मातरम्" उच्चारण करने से "माता की वन्दना करता हूँ" ऐसा अर्थ निकलता है, अतः [[देवनागरी]] लिपि में इसे [[वन्दे मातरम्]] ही लिखना व पढ़ना समीचीन होगा।
 
('''संस्कृत मूल गीत'''<ref>''बंकिम समग्र'' पृष्ठ ७४५ पर "कोटि कोटि" की जगह "सप्तकोटि" और "द्विसप्तकोटि" ही है</ref>)
 
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