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== ब्राह्मणवाद और गुलामी की जंजीरें ==
 
ब्राह्मणवाद और गुलामी की जंजीरे पुष्यमित्र के पौत्र वसुमित्र ने ग्रीकों को सिंधु के उस पार भगा दिया । एक तरह से ग्रीक भारत से भगा दिए गए जो शुंगों की सराहनीय और महत्वपूर्ण उपलब्धि थी , लेकिन कालान्तर में वे अति विलासी होने के कारण नष्ट हो गए । उनका अंतिम सम्राट देवभूति था । उसे उसके मंत्री बसुदेव ने सम्राट की दासी पुत्री द्वारा मरवा कर शुंग सिंहासन पर अधिकार कर लिया । बसुदेव के बाद उसके वंश के चार राजा हुए । जैसे बौद्धों ने मिनांदर को ब्राह्मणों के विरुद्ध आक्रमण के लिए आमन्त्रित किया था । उसी प्रकार इन ब्राह्मणों के विरुद्ध जैनों ने शकों को आमन्त्रित किया । इन्होंने सिंधु नदी पार कर सौराष्ट्र , गुजरात और अवंती पर अधिकार कर लिया । ब्राह्मणवादी व्यवस्था से भारत के जैन , बौद्ध और ब्राह्मणों को छोड़ कर सभी परेशान थे । सभी भारतवासी ब्राह्मणी व्यवस्था से छुटकारा पाना चाहते थे । ब्राह्मणी व्यवस्था द्वारा भारतीय मूल के लोगों पर तरह तरह के अत्याचार किये जा रहे थे । ब्राह्मणी व्यवस्था के कारण भारत की एकता छिन्न भिन्न हो गई । भारत को 2000 वर्ष की गुलामी से गुजरना पड़ा । सुमेध जग्रवाल
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