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RMS '''टाइटैनिक''' दुनिया का सबसे बड़ा वाष्प आधारित यात्री जहाज था। वह साउथम्पटन (इंग्लैंड) से अपनी प्रथम यात्रा पर, 10 अप्रैल 1912 को रवाना हुआ। चार दिन की यात्रा के बाद, 14 अप्रैल 1912 को वह एक हिमशीलाहिमशिला से टकरा कर डूब गया जिसमेजिसमें 1,517 लोगों की मृत्यु हुईंहुई जो इतिहास की सबसे बड़ी शांतिकाल समुद्री आपदाओं में से एक है।
 
ओलंपिक श्रेणी का यात्री लाइनर '''टाइटैनिक''' [[व्हाइट स्टार लाइन]] के हस्तगत में था और उसका निर्माण Belfast (Ireland) के Harland ओर Wolff शिपयार्ड में किया गया था। वह 2,223 यात्रिओ के साथ न्यूयॉर्क शहर के लिए रवाना हुआ था। यह तथ्य है कि जब जहाज डूबा उस वक्त, जहाज पर उस समय के सभी नियमों का पालन करने के बावजूद केवल 1,178 लोगों के लिए जीवनरक्षक नौका थी। पुरुषो के मृत्यु की असंगत संख्या का मुख्य कारण महिलाओं और बच्चों को पहले प्रधानता देना था।
 
टाइटैनिक के डूबने का मुख्य कारण अत्यधिक गति से चलना था। ('''टाइटैनिक''') के मालिक [[J. Bruce Ismay]] जे .ब्रूस इस्मे ने जहाज के कप्तान [[Edward Smith]] को जहाज को अत्यधिक गति से चलाने
के लिए कहा था। 14 अप्रैल 1912 [[को टाइटैनिक]] को 6 बर्फ की चटानोचट्टानों की चेतावनिया मिली थी। कप्तान केको अनुसारलगा की बर्फ की चटानचट्टान [[Ice Berg]] आने पर जहाज मुड जाएगा। परन्तु बद्किस्मती से जहाज बहुत बड़ा था और राडार छोटा था। बर्फ की चटानचट्टान आने पर वह अधिक गति के कारण समय पर नहीं मुड पाया और चटानचट्टान से जा टकराया। जिससे जहाज के आगे के हिसेहिस्से में छेद हो गए और (11:40 p.m) वो डूबने लगा।
तक़रीबन (2:20 a.m) पर वो पूरा समुन्द्र में समां गया।