"जन्माष्टमी": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
→उपवास के बारे में: Janmastmi टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
Reverted to revision 3547788 by 106.203.149.87 (talk): Vandalism. (TW) |
||
पंक्ति 24:
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन मौके पर भगवान कान्हा की मोहक छवि देखने के लिए दूर दूर से श्रद्धालु आज के दिन [[मथुरा]] पहुंचते हैं। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर मथुरा कृष्णमय हो जात है। मंदिरों को खास तौर पर सजाया जाता है। ज्न्माष्टमी में स्त्री-पुरुष बारह बजे तक [[व्रत]] रखते हैं। इस दिन मंदिरों में झांकियां सजाई जाती है और भगवान कृष्ण को झूला झुलाया जाता है। और [[रासलीला]] का आयोजन होता है।
▲ चौक, दिल्ली (भारत) की खरीदारी सड़कों पर कृष्णा झुला, श्री लाडू गोपाल के लिए कपड़े और उनके प्रिय भगवान कृष्ण को खरीदते हैं। सभी मंदिरों को खूबसूरती से सजाया जाता है और भक्त आधी रात तक इंतजार करते हैं ताकि वे देख सकें कि उनके द्वारा बनाई गई खूबसूरत खरीद के साथ उनके बाल गोपाल कैसे दिखते हैं।
== उपवास के बारे में ==
Line 41 ⟶ 40:
भृगु ने कहा है- जन्माष्टमी, रोहिणी और शिवरात्रि ये पूर्वविद्धा ही करनी चाहिए तथा तिथि एवं नक्षत्र के अन्त में पारणा करें। इसमें केवल रोहिणी उपवास भी सिद्ध है। अन्त्य की दोनों में परा ही लें।<ref>https://www.nathdwaratemple.org/News/Krishna_Janmashtami/2017-08-15 श्रीकृष्ण-जन्माष्टमी </ref>
आचार्य पं.रविकान्त चतुर्वेदी से जानिए भगवान के पूजा पाठ एवं व्रत-उपवास के बारे मे जानकारी ।
मोबाइल नंबर
09591718860
== मोहरात्रि ==
|