"सिकन्दर बख्त": अवतरणों में अंतर

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== प्रारम्भिक जीवन ==
सन् 1918 में [[दिल्ली]] में जन्में सिकन्दर बख्त ने अपनी शुरुआती तालीम एंग्लो अरैबिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल दिल्ली से हासिल की और साइन्स में ग्रेजुएशन की बैचलर्स डिग्री तत्कालीन एंग्लो अरैबिक कॉलेज से ली जिसे आजकल दिल्ली में [[जाकिर हुसैन कॉलेज]] के नाम से जाना जाता है। स्कूल कॉलेज के दिनों में वे [[हाकी]] के अच्छे खिलाडी थे और [[दिल्ली विश्वविद्यालय]] की टीम में खेला करते थे। उन्होंने अपना एक स्वतन्त्र हाकी क्लब भी बनाया हुआ था जिसकी टीम की कप्तानी वे खुद किया करते थे। उन्होंने एक बार कहा था कि बीजेपी की टीम में [[राजनीति]] का खेल खेलते हुए उन्हें गर्व महसूस होता है क्योंकि यही एक ऐसी पार्टी है जिसमें वे असली [[हिन्दुस्तान]] की तस्वीर देखते हैं।
 
== राजनीतिक जीवन ==
सन् 1952 में सिकन्दर बख्त ने दिल्ली नगर निगम का चुनाव [[कांग्रेस]] प्रत्याशी के रूप में जीता। 1968 में उन्हें दिल्ली विद्युत आपूर्ति अभिकरण का अध्यक्ष बनाया गया। 1969 में जब कांग्रेस पार्टी का विभाजन हुआ तो वे पुरानी कांग्रेस के साथ बने रहे और उसके प्रत्याशी के रूप में दिल्ली महानगर परिषद का चुनाव जीते। तत्कालीन प्रधानमन्त्री [[इन्दिरा गांधी|इन्दिरा गान्धी]] ने 25 जून 1975 को जब [[आपातकाल]] की घोषणा की तो सभी विपक्षी दल के नेता रातों-रात गिरफ्तार कर लिये गये। सिकन्दर बख्त को गिरफ्तार करके [[रोहतक]] जेल में रक्खा गया जहाँ से वे दिसम्बर 1976 में छूटकर घर लौटे। मार्च 1977 में जब इन्दिरा गान्धी ने आम चुनाव घोषित किया तो सिकन्दर बख्त तमाम विपक्षी दलों को एकजुट करके बनी [[जनता पार्टी]] में शामिल हो गये।