"डीज़ल इंजन": अवतरणों में अंतर

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(4) '''निकास''' - अब निकास वाल्व खुल जाता है और आरोही पिस्टन जली हुई गैसों को सिलिंडर के बाहर निकाल देता है। यह चक्र बार बार चलता है।
 
=== दो स्ट्रोक इंजन ===
दो चक्र मूका-संमार्जन (port-scavenged) इंजन के परिचालन के क्रम में भी अंतर्ग्रहण, संपीड़न, शक्ति और निकास कार्य होते हैं। अवरोही पिस्टन प्रवेशद्वार और निकासमूकाओं (ports) को खोलता है। इससे अपमार्जक वायु प्रवेशमूका से सिलिंडर में प्रवेश करती है और सिलिंडर को प्रक्षालित (flushes) कर निकासमूका से निकल जाती है। आरोही पिस्टन प्रवेश और निकासमूकाओं को आच्छादित कर देता है, तथा सिलिंडर में वायु को संपीड़न कर, दबाव बढ़ाकर, लगभग 500 पाउंड प्रति वर्ग इंच कर देता है। अतितप्त वायु में अब ईधंन का अंत:क्षेप होता है। ईधंन स्वत: जल उठता और प्रसारित होता है, जिससे पिस्टन पर आघात पड़ता है और वह बलपूर्वक नीचे आ जाता है। अवरोही पिस्टन अब प्रवेश और निकासद्वारों को खोल देता है, जिससे अपमार्जक संपीड़ित वायु को प्रवेश द्वार से प्रवेश करती और जली हुई गैसों को सिलिंडर से निकासद्वार द्वारा निकाल देती है। इस प्रकार चक्र पूरा हो जाता है।